एनपीआर के डर से इस गाँव के लोगों ने अपने बैंक खातों से निकाल ली एक एक पाई

एनपीआर के डर से इस गाँव के लोगों ने अपने बैंक खातों से निकाल ली एक एक पाई

चेन्नई। तमिलनाडु के गाँव की सेंट्रलबैंक की शाखा से दो दिन में ही चार करोड़ रुपये की निकासी से बैंक हैरान है। यह मामला तब हुआ जब सेंट्रल बैंक की तरफ से एक विज्ञापन अख़बार में प्रकाशित हुआ।

इस विज्ञापन में बैंक ने अपने ग्राहकों से जल्द से जल्द केवाईसी(Know Your Customer) कराने के लिए कहा था। विज्ञापन में केवाईसी डाक्यूमेंट्स में एनपीआर (नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर) को भी शामिल किया गया था।

सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया के विज्ञापन से अफवाह फैली कि एनपीआर में अपनी जानकारी न देने वालो के खातों का पैसा जब्त हो जाएगा। यह अफवाह इतनी तेजी से फैली कि पूरा गाँव बैंक की तरफ दौड़ पड़ा और गाँव के लोगों ने अपने खाते से पैसे निकालना शुरू कर दिया।

गांव के लोगों ने खाता जब्त होने के भय से अपने खाते में जमा एक एक पाई निकालना शुरू कर दिया। नतीजतन बैंक की इस ब्रांच से जनवरी 20 से 22 के बीच कयालपत्तिनम के लोगों ने करीब 4 करोड़ रुपये निकाल लिए।

इस मामले में बैंक द्वारा लोगों को समझने की कोशिश भी हुई लेकिन गाँव के लोगों को बैंक कर्मचारियों की बात पर भरोसा नहीं हुआ। अब बैंक ने फैसला लिया है कि वह खाता धारको को समझाने के लिए घर घर जाएंगे।

गौरतलब है कि नागरिकता कानून के विरोध में देशभर में प्रदर्शनों का दौर जारी है। नागरिकता कानून, एनपीआर और एनआरसी को लेकर लोगों के पास पूरी जानकारी नहीं हैं। वहीँ नेताओं के बयानों से लोग और अधिक गुमराह हो रहे हैं।

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TeamDigital