सर्वदलीय बैठक में उठा किसान आंदोलन का मुद्दा, कृषि मंत्री के प्रस्ताव पर बातचीत को तैयार सरकार

सर्वदलीय बैठक में उठा किसान आंदोलन का मुद्दा, कृषि मंत्री के प्रस्ताव पर बातचीत को तैयार सरकार

नई दिल्ली। संसद के कामकाज को लेकर बजट सत्र से पहले शनिवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भी विपक्षी दलों ने किसान आंदोलन का मुद्दा उठाया। हालांकि सरकार के जबाव से लगता है जैसे सरकार अभी भी अड़ियल रुख दिखा रही है।

बैठक के बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि हमने कृषि कानून को वापस लेने की गुहार लगाई। बेरोजगारी, आर्थिक स्थिति और राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा उठाया। हमनें जम्मू-कश्मीर का मुद्दा भी उठाया और कहा कि उसे राज्य का दर्जा दिया जाए। हम देश की सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार के साथ हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसानों से सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी पर हैं।किसान नेताओं को कहा गया कि सरकार की तरफ से जो प्रस्ताव आपके सामने पेश किया गया है, जब आप मन बना लेंगे और नतीजे पर पहुंच जाएंगे तो तोमर साहब एक फोन कॉल की दूरी पर हैं।

वहीँ बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सर्वदलीय बैठक हुई, लगभग सब पार्टियों ने बैठक में हिस्सा लिया। विपक्ष ने मांग की है कि लोकसभा में बिल के अलावा चर्चा हो और सरकार इसके लिए सहमत है। विपक्ष ने किसानों के मुद्दे पर भी चर्चा की मांग की है इसके लिए भी हम सहमत हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्र अपने प्रस्‍ताव पर अभी भी बरकरार है। उन्होंने कहा, “22-23 जनवरी को कृषि मंत्री नरेद्र सिंह तोमर ने किसानों के सामने जो प्रस्ताव रखे थे उस पर अभी भी हम बरकरार हैं और डिस्‍कशन के लिए तैयार हैं। यदि किसान बातचीत को तैयार हैं तो मैं एक फोन कॉल पर उपलब्‍ध हूं।”

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के बयान को दोहराते हुए कहा कि जो किसान नेताओं से कहा गया था, उस पर अभी भी सरकार सहमत है। केंद्र बातचीत को तैयार है।

सर्वदलीय बैठक में बैठक में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, शिरोमणि अकाली दल के नेता बलविंदर सिंह भूंदड़, लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय, शिवसेना के विनायक राउत सरीखे कई अन्य नेता शामिल हुए।

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