CAA और NRC पर सोमवार से संसद में विपक्ष करेगा सरकार की घेराबंदी
नई दिल्ली। नागरिकता कानून और एनआरसी पर विपक्ष सोमवार से संसद में सरकार की घेराबंदी करेगा। माना जा रहा है कि विपक्ष संसद में नागरिकता कानून और एनआरसी पर तुरंत चर्चा की मांग कर सकता है।
संसद का बजट सत्र 31 जनवरी को दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ और एक फरवरी को बजट पेश किया गया। दोनों सदन सोमवार से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करने के लिये तैयार हैं।
एक मीडिया रिपोर्ट की माने तो कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दलों, राष्ट्रीय जनता दल और कुछ अन्य दल पहले ही संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर तत्काल चर्चा की मांग लेकर राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव दे चुके हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कई विपक्षी पार्टियों की तरफ से सोमवार को लोकसभा में सीएए, एनपीआर और एनआरसी पर चर्चा की मांग को लेकर स्थगन प्रस्ताव देने को तैयारी हो चुकी है।
वहीँ सूत्रों की माने तो नागरिकता कानून, एनपीआर और एनआरसी को लेकर अब विपक्ष संसद से सड़क तक की निर्णायक लड़ाई लड़ने के पक्ष में हैं। सूत्रों ने कहा कि सीएए के विरोध को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एकला चलो की नीति अपना रही हैं और वे विपक्ष से अलग होकर लड़ रही हैं। इसलिए अब उन्हें भी सीएए के खिलाफ लड़ाई में विपक्ष के अन्य दलों के साथ लाने की तैयारी की जा रही है।
फिलहाल देखना है कि बजट सत्र के शेष दिन संसद में नागरिकता कानून को लेकर विपक्ष सरकार पर कितना दबाव बना पाता है। वहीँ देशभर में नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शनों में तेजी आयी है और देश के कई अन्य शहरो में भी शाहीन बाग़ की तर्ज पर अनिश्चित कालीन धरने शुरू हो गए हैं।
अब तक क्या क्या हुआ :
नागरिकता कानून के विरोध में देशभर में कई जगह विरोध प्रदर्शन हुए और दिल्ली के शाहीन बाग़ सहित देश के कई शहरो में अनिश्चितकालीन धरने जारी हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह नागरिकता कानून पर सरकार के एक इंच पीछे न हटने की बात कही।
नागरिकता कानून और एनपीआर के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में करीब 150 याचिकाएं दायर की गई हैं।
इन याचिकाओं पर 22 जनवरी को सुप्रीमकोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है और चार हफ्ते के अंदर सरकार से जबाव माँगा है।
सुप्रीमकोर्ट में पहुंची याचिकाओं पर चार हफ्ते बाद यानि पांचवे हफ्ते में सुनवाई होगी।
बजट सत्र के पहले ही दिन कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नेतृत्व में विपक्ष के सांसदों ने नागरूकता कानून के खिलाफ संसद परिसर में प्रदर्शन किया।
एनडीए सांसदों की बैठक में पीएम मोदी ने सांसदों से कहा कि वे नागरिकता कानून पर आक्रामकता के साथ जबाव दें।