नागरिकता कानून के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में एक लाख याचिकाये दायर करने का लक्ष्य

नागरिकता कानून के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में एक लाख याचिकाये दायर करने का लक्ष्य

नई दिल्ली। नागरिकता कानून के खिलाफ अब बड़ी क़ानूनी लड़ाई की तैयारी शुरू हो गई है। नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर से एक लाख याचिकाएं दायर करने का लक्ष्य रखा गया है। इनमे अकेले हैदराबाद से पांच हज़ार याचिकाएं दायर की जाएँगी।

कांग्रेस नेता सैयद निजामुद्दीन, हैदराबाद कांग्रेस अल्पसंख्यक कमेटी के समीर वलीउल्लाह सहित कुछ अन्य कानूनी विशेषज्ञों ने हैदराबाद से पांच हजार याचिकाएं दायर करने का ऐलान किया है।

निजामुद्दीन ने बताया कि अभी तक कुल 98 जनहित याचिकाएं दाखिल की जा चुकी हैं, लेकिन सीएए के खिलाफ जनहित याचिकाओं का दायर जाना जारी रहेगा और आप देखेंगे कि अकेले हैदराबाद से ही कम से कम पांच हज़ार याचिकाएं दायर की जाएँगी।

निजामुद्दीन ने कहा कि जनहित याचिकाएं दायर करने में मदद के लिए एक हेल्प लाइन नंबर (+91 9100109111) भी जारी किया गया है। लोग हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके जनहित याचिकाओं से जुडी जानकारियां हासिल कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि इन याचिकाओं के लिए हैदराबाद में जल्द काउंटर भी लगाया गया है, जहां पर कानूनी मदद मुहैया कराई जा रही है। इन याचिकाओं को 5 जनवरी को फाइल किया जा सकता है।

गौरतलब है कि नागरिकता एक्ट के खिलाफ अब तक कई याचिकाएं सुप्रीमकोर्ट में दायर की जा चुकी हैं। याचिका दायर करने वालो में एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी, तृणमूल कांग्रेस सांसद कोइना मित्रा के अलावा कई सामाजिक संगठनों और राजनैतिक दलों के नेता शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन एक्ट को संविधान के खिलाफ बताया गया है, इसमें आर्टिकल 14, आर्टिकल 5 और आर्टिकल 21 का उल्लंघन गिनाया भी गया है।

गौरतलब है कि नागरिकता कानून को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि सरकार एनपीआर के बहाने एनआरसी लागू करने कोई तैयारी कर रही है। नागरिकता कानून में धर्मो के उल्लेख को लेकर विपक्ष का कहना है कि इसमें नागरिकता देने के लिए धर्मो को आधार बनाये जाने से संविधान के मूल ढाँचे से खिलवाड़ की गई है।

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