राज्य सभा में गृहमंत्री अमित शाह का बयान: एनपीआर में नहीं दिखना होगा कोई कागज
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरूवार को राज्यसभा में दिए अपने बयान में एक बार फिर दोहराया कि देश के किसी व्यक्ति को एनपीआर( नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर) की प्रक्रिया से घबराने की ज़रूरत नहीं है।
शाह ने कहा कि राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीकरण “एनपीआर” को अपडेट करने के लिए किसी तरह के दस्तावेज़ दिखाने की ज़रूरत नहीं है और जो कुछ जानकारी मांगी जा रही है वो वैकल्पिक हैं।
उन्होंने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि एनपीआर को लेकर किसी को भयभीत होने की ज़रूरत नहीं। संशोधित नागरिकता क़ानून “सीएए” की ओर संकेत करते हुए अमित शाह ने कहा कि इस क़ानून के आने के बाद नफ़रत फैलाने वाले भाषण शुरू हुए जिसके द्वारा मुसलमानों को गुमराह किया जा रहा है।
गृह मंत्री ने कहा कि ‘बहुत दु:ख के साथ मैं कहना चाहता हूं कि पूरे देश में CAA को लेकर मुसलमान भाइयों-बहनों के मन में एक भय बैठाया गया कि आपकी नागरिकता CAA से छीन ली जाएगी।ये गलत अफवाहें फैलाई जा रही हैं, CAA नागरिकता लेने का कानून है ही नहीं, ये नागरिकता देने का कानून है।’
दिल्ली हिंसा को लेकर अमित शाह ने कहा कि दिल्ली हिंसा के सिलसिले में किसी भी व्यक्ति के साथ कोई पक्षपात नहीं किया जाएगा और दंगा करने वाला व्यक्ति किसी भी धर्म या पार्टी का होगा, उसको नहीं छोड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा कि ‘कुछ सोशल मीडिया अकाउंट ऐसे थे, जो दंगों से 2 दिन पहले शुरू हुए और 25 फरवरी की रात 12 बजे से पहले ही बंद हो गए और उनसे केवल दंगा, नफरत और घृणा फ़ैलाने का काम किया गया है।अगर वो सोचते हैं कि हम बच गए, तो वो गलत हैं,हम उन्हें पाताल से भी खोजकर निकालेंगे और सजा दिलाएंगे।’
शाह ने कहा कि ‘ दिल्ली में कई सारी घटनाओं में से निजी हथियार चलने की भी घटना आई है।ऐसे 49 मामले दर्ज किए गए हैं और 52 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।दंगों में जो हथियार उपयोग हुए थें उनमें से लगभग सवा सौ हथियार जब्त कर लिए गए हैं।’
उन्होंने कहा कि ‘मैं सदन को और सदन के माध्यम से देश को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि दंगे करने वाले, दंगों के लिए षड्यंत्र करने वाले चाहे किसी धर्म के हो, किसी भी जाति के हो, किसी भी पार्टी के हो उन्हें बख्शा नहीं जाएगी।’
गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लिखित जबाव में कही ये बात:
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि ‘NPR के अपडेशन के दौरान उन लोगों को खोजने के लिए कोई सत्यापन नहीं किया जाएगा जिनकी नागरिकता संदिग्ध है। अब तक सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर NRC कराने के लिए कोई निर्णय नहीं लिया है।’