कथित धर्म संसद: सिविल सोसायटी के 26 सदस्यों ने राष्ट्रपति और पीएम को लिखा पत्र

कथित धर्म संसद: सिविल सोसायटी के 26 सदस्यों ने राष्ट्रपति और पीएम को लिखा पत्र

नई दिल्ली। हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर तक हुई कथित धर्म संसद में दिए गए एक धर्म विशेष के खिलाफ नफरत फैलाने वाले और नरसंहार के आह्वान वाले भाषणों के खिलाफ सिविल सोसायटी के 26 से अधिक सदस्यों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।

सिविल सोसायटी सदस्यों ने पत्र में कहा कि “हम 17-19 दिसंबर 2021 के बीच हरिद्वार में आयोजित हिंदू साधुओं और अन्य नेताओं के धर्म संसद नामक 3 दिवसीय धार्मिक सम्मेलन के दौरान दिए गए नफरत भरे भाषणों से गंभीर रूप से परेशान हैं।

इस कथित धर्म संसद में हिंदू राष्ट्र की स्थापना के लिए बार-बार आह्वान किया गया और कहा गया कि हिंदू धर्म की रक्षा के नाम पर हथियार उठाने और भारत के मुसलमानों की हत्या करने की जरूरत है।

पत्र में कहा गया है कि भारत का संविधान देश के सभी धर्मों के मुक्त अभ्यास का प्रावधान करता है। हम धर्म के नाम पर इस तरह के ध्रुवीकरण की कड़ी निंदा करते हैं। हम सरकार, संसद और सर्वोच्च न्यायालय से हमारे देश की अखंडता और सुरक्षा की रक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने का आह्वान करते हैं। .

पत्र में कहा गया है कि हम राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से इस तरह के प्रयासों को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह करते हैं और इस तरह के कृत्यों की कड़े शब्दों में निंदा करने का आग्रह करते हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले देश के करीब 75 वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने सुप्रीमकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर धर्म संसद मामले में स्वतः संज्ञान लेकर कार्यवाही करने कोई मांग की है।

बता दें कि हरिद्वार में 17 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चली धर्म संसद में खुद को साधु संत कहने वाले व्यक्तियों के अलावा बीजेपी नेताओं कोई भी मौजूदगी थी। धर्म संसद के दौरान मुसलमानों के खिलाफ नरसंहार और हथियारों के इस्तेमाल के खुले आह्वान के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे।

हरिद्वार घटना के चार दिन बाद एक पुलिस मामला दर्ज किया गया था, जिसमें केवल एक व्यक्ति का नाम था। बाद में एफआईआर में दो और नाम जोड़े गए हैं, इनमे धर्म दास और साध्वी अन्नपूर्णा उर्फ़ शकुन पांडे के नाम शामिल हैं।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital