साल के अंत तक 26 करोड़ से अधिक लोगों को भुखमरी जैसे हालातो से जूझना पड़ सकता है
नई दिल्ली। दुनियाभर के कई देशो में कोरोना संक्रमण के चलते लागू किये गए लॉकडाउन के चलते कई देशो की अर्थव्यवस्था डगमगा सकती है। जिसके कारण विश्वभर के कई देशो में भुखमरी के हालात पैदा हो सकते हैं और आर्थिक आपातकाल जैसे हालात खड़े हो सकते हैं।
विश्व खाद्य कार्यक्रम के एक्ज़िक्टिव डायरेक्टर डेविड बेसले का कहना है कि साल के अंत तक 26 करोड़ 50 लाख लोगों को भुखमरी से बचाने के लिए दो मुख्य रास्ते हैं जिनमें पहला पैसे उपलब्ध कराना और सप्लाई चेन की रसद को आसान बनाना है।
उनका कहना था कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने अमरीकी देशों से हर समय फ़ंडिंग जारी रखने की अपील की है लेकिन महामारी एक बार का संकट नहीं है और तबाही मचा दी है इसलिए अमीर लोगों और अमीर कंपनियों से मदद देने की अपील कोई अनहोनी बात नहीं है।
डेविड बेसले ने कहा कि मेरा मतलब कुछ लाख की नहीं बल्कि करोड़ों और अरबों डॉलर की बात कर रहा हूं। उन्होंने दुनियाभर में सप्लाई चेन की रुकी प्रक्रिया तो तोड़ने पर बल दिया।
डेविड बेसले ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ को विश्वास कर लेना चाहिए कि हमने आयात और निर्यात पर प्रतिबंध लागू नहीं किया, सीमाओं और बंदरगाहों पर पर प्रतिबंध नहीं लगाया और विभाजन के स्थानों पर प्रतिबंध नहीं लगाया। आर्थिक प्रतिबंधों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कुछ देशों ने आयात पर प्रतिबंध लगा रखा है जिससे खाद्य पदार्थों की सप्लाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है।