अमेरिका में अंतिम दौर का चुनाव प्रचार, 3 नवंबर को होगा राष्ट्रपति चुनाव

अमेरिका में अंतिम दौर का चुनाव प्रचार, 3 नवंबर को होगा राष्ट्रपति चुनाव

वाशिंगटन। अमेरिका में 3 नवंबर को होने जा रहे राष्ट्रति चुनाव के लिए प्रचार अंतिम दौर में है। प्रचार के अंतिम दौर में रिपब्लिकन पार्टी और डेमोक्रेट ने अपनी पूरी ताकत झौंक दी है। दोनों ही पार्टियों की तरफ से जीत के दावे किये जा रहे हैं।

रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट्स की तरफ से जो बाइडेन उम्मीदवार हैं। द गार्जियन के मुताबिक डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडेन अभी तक के सर्वेक्षणों में आगे चल रहे हैं लेकिन यह डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन की जीत की गारंटी नहीं है। 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में प्रचार के दौरान डेमोक्रेट उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने भी ट्रंप पर बढ़त बनाई थी लेकिन वह इलेक्ट्रॉल कॉलेज में हार गई थीं।

राष्ट्रीय स्तर पर ताजा पोल का औसत बिडेन को राष्ट्रपति ट्रंप से आगे दर्शा रहा है। नेशनल पोल में जो बाइडेन को 52 फीसदी और डोनाल्ड ट्रंप 43 फीसदी लोगों की पसंद हैं।

इस बीच कोरोना संक्रमण पर राष्ट्रपति ट्रंप की नाकामियों पर परदा डालने के लिए व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर कहा है कि ट्रंप सरकार देश में कोरोना महामारी को हारने में कामयाब रही है।

सीएनएन के मुताबिक चुनाव से ठीक पहले वाइट हाउस के विज्ञान व तकनीक विभाग ने एक बयान जारी करके पिछले चार साल के दौरान विज्ञान व तकनीक के मैदान में ट्रंप सरकार की उपलब्धियों को गिनवाया है और दावा किया है कि ट्रंप सरकार देश से कोरोना महामारी को ख़त्म करने में सफल रही है।

इतना ही नहीं ट्रंप ने कल अपनी चुनावी सभा में दावा किया कि कोरोना वायरस का सुरक्षित टीका लगभग तैयार है और शीघ्र ही लोगों को मुहैया कराना उनकी अपनी अहम जिम्मेदारी है।

ट्रंप अमेरिका में कोरोना संक्रमण पर नाकामियों के लिए स्वास्थ्य विभाग से जुड़े डॉक्टरों और नर्सो को भी ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं। ट्रंप ने डॉक्टरों को चालाक बताते हुए कहा, अमेरिकी डॉक्टर वित्तीय लाभ के लिए महामारी से मौत के बारे में झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि स्वास्थ्य कर्मी दिल की बीमारी और कैंसर से हुई मौत को भी कोरोना से हुई मौत बताते हैं।

वहीँ दूसरी तरफ डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडेन ट्रंप के दावों को हास्यास्पद बता रहे हैं। उनका कहना है कि ट्रंप अपनी नाकामियों के लिए बेवजह डॉक्टरों और नर्सो को ज़िम्मेदार नहीं ठहरा सकते। ट्रंप को अपनी नाकामियों को स्वीकार करना होगा।

जो बाइडेन का आरोप है कि यदि ट्रंप फिर से राष्ट्रपति बनते हैं तो देश में नस्लवाद और समाज में बंटवारे का ज़हर घोलेंगे। बाइडेन का आरोप है कि ट्रंप शासनकाल में अराजकता और बेरोज़गारी बढ़ी है, साथ ही अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है।

फिलहाल सभी की निगाहें 3 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव पर टिकी हैं। दुनियाभर के देशो को अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम का बेसब्री से इन्तजार है।

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TeamDigital