सोनिया से मिले कमलनाथ, शिवराज आज ले सकते हैं सीएम पद की शपथ

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके आवास दस जनपथ पर मुलाकात की। माना जा रहा है कि सोनिया गांधी से मुलाकात के दौरान कमलनाथ ने मध्य प्रदेश की ताजा राजनैतिक परिस्थितियों की जानकारी दी तथा आगे की रणनीति से सोनिया गांधी को अवगत कराया।
सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ ने कहा कि उन्हें किसी पद को लेकर कोई दुःख नहीं है। उन्हें दुःख सिर्फ इस बात है कि मध्य प्रदेश में पैसो का नंगा नाच हुआ और पैसो के दम पर लोकतान्त्रिक तरीके से चुनी हुई एक सरकार को गिराने की साजिश रची गई।
कमलनाथ ने कहा कि उन्हें अफ़सोस इस बात का है कि पंद्रह महीनो के कार्यकाल में शुरू की गई कई चीज़ें आगे नहीं बढ़ पाएंगी और कई चीज़ें जो हम शुरू करना चाहते थे वे छोटे से कार्यकाल में शुरू नहीं हो पाईं।
मध्य प्रदेश कांग्रेस की तरफ से 15 अगस्त 2020 को कमलनाथ के झंडा फहराने के दावे वाले ट्वीट पर उन्होंने कहा कि आने वाले समय में 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, और जनता इन चुनाव में अपना फैसला देगी। कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस वापसी के लिए संघर्ष करेगी।
वहीँ दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह को बीजेपी का नेता विधायक दल चुना जाना तय है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री पद के लिए शिवराज सिंह चौहान बीजेपी के प्रवल दावेदार हैं और वे आज शाम मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।
शिवराज सिंह चौहान 2005 से 2018 तक लगातार 13 साल सीएम रह चुके हैं। मुख्यमंत्री के तौर पर वे चौथी बार मध्य प्रदेश की कमान संभालेंगे। हालाँकि कांग्रेस और बीजेपी के संख्याबल में मामूली अंतर् के कारण शिवराज की राह आसान नहीं होगी और उन्हें भी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया से गुजरना होगा।
क्या है विधानसभा की स्थति:
भाजपा के पास 107 विधायक थे, वहीँ एक विधायक का इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष द्वारा स्वीकार किये जाने के बाद बीजेपी के विधायकों की तादाद 106 रह गई है। वहीँ बीजेपी के दो विधायक पहले से पार्टी के भरोसेमंद नहीं है वे मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात करते रहे हैं। इसलिए बीजेपी के विधायकों की तादाद घटकर 104 रह गई है।
विधानसभा में चार निर्दलीयो के अलावा बसपा के दो और समाजवादी पार्टी का एक विधायक है, जो कमलनाथ सरकार का समर्थन कर रहे थे। बीजेपी की नज़र उन्ही विधायकों पर है। वहीँ 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के विधायकों की संख्या 92 है। यदि फ्लोर टेस्ट के दौरान सपा, बसपा और निर्दलीय विधायक कमलनाथ सरकार के खिलफ वोट करते हैं तो विपक्ष के विधायकों की संख्या 99 हो जाती है और यदि दो बीजेपी विधायक भी कमलनाथ सरकार के पक्ष में वोट नहीं करते तो विपक्ष के विधायकों की संख्या 101 हो जाती है।
यानि विपक्ष और बीजेपी के विधायकों में मात्र तीन विधायकों की संख्या का अंतर् रहेगा। जो एक मामूली अंतर् है। जबकि 22 विधायकों+1 बीजेपी विधायक के इस्तीफे के बाद विधानसभा में सदस्यों की संख्या 205 रह जाती है और शिवराज सिंह को फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करने के लिए 103 विधायकों की आवश्यकता होगी।