ये है कमलनाथ का अंकगणित, ऐसे बेचेगी सरकार

ये है कमलनाथ का अंकगणित, ऐसे बेचेगी सरकार

नई दिल्ली। भले ही 22 विधायकों ने अपने इस्तीफे भेज दिए हों लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ के चेहरे की मुस्कराहट बता रही है कि वे बहुमत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं और वे अंततः बीजेपी के षड्यंत्र को नाकाम करने में सफल होंगे।

इस्तीफा देने वाले बागी 22 विधायकों में से 06 विधायकों के इस्तीफे विधानसभा स्पीकर ने स्वीकार कर लिए हैं। अब सत्ता का पूरा का पूरा खेल 16 विधायकों के इर्द गिर्द सिमट चूका है जिनके इस्तीफे अभी स्वीकार नहीं किये गए हैं।

आज बेंगलुरु में बागी विधायकों की प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एक बात साफतौर पर खुलकर सामने आयी। प्रेस कांफ्रेंस में ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक वहीँ 06 विधायक ज़्यादा एक्टिव दिखे जिनके इस्तीफे स्वीकार किये जा चुके हैं। शेष विधायकों ने प्रेस कांफ्रेंस में मौजूदगी के बावजूद अपनी ख़ामोशी बरकरार रखी और ऐसा कुछ नहीं कहा जिससे साबित हो कि वे पूरी तरह कांग्रेस से दूर जाने का मन बना चुके हैं।

सूत्रों की माने 16 विधायकों में से 9 विधायक किसी भी हाल में कांग्रेस छोड़ने के पक्षधर नहीं हैं। इसलिए माना जा रहा है कि जिन 06 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार किये गए हैं उनके अलावा 05-06 अन्य विधायक भी सिंधिया के साथ जा सकते हैं लेकिन शेष रहे 09-10 विधायक कांग्रेस में ही बने रहेंगे।

बागी विधायकों की प्रेस कांफ्रेंस में जो नज़ारा दिखा उससे एक बात अवश्य सामने आयी है कि बागी विधायकों को लेकर बीजेपी की तरफ से जो भी दावे किये जा रहे हैं वे शत प्रतिशत सही नहीं है। वहीँ मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा कुछ बागी विधायकों के संपर्क में होने की बात में दम है और निश्चित तौर पर 9-10 विधायक अभी भी कांग्रेस नेताओं के सम्पर्क में हैं।

बागी विधायकों की प्रेस कांफ्रेंस में साफ़ तौर पर विधायकों के चेहरों पर राजनैतिक भविष्य को लेकर चिंता दिखी और सिर्फ 7-8 विधायको ने ही ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपना नेता बताया, जबकि अन्य विधायकों ने इस मुद्दे पर ख़ामोशी साधे रखी।

सूत्रों की माने तो बेंगलुरु पहुंचे 22 विधायकों में आधे से अधिक विधायक ये मानते हैं कि उनके साथ सियासी धोखा हुआ है और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी महत्वाकांक्षाओं के लिए उन्हें बलि का बकरा बनाया है।

क्या है कमलनाथ का अंकगणित:

230 सदस्यों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा में दो सदस्यों के निधन के कारण इस समय सदस्यों की संख्या 228 है। इसमें 06 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार किये जा चुके हैं। इसलिए विधानसभा में अब सदस्यों की संख्या 222 बची है। यदि इस्तीफा देने वाले 7 विधायकों के भी इस्तीफे और स्वीकार किये जाते हैं तो सदन में विधायकों की संख्या 215 रह जायेगी और बहुमत के लिए 108 विधायकों की आवश्यकता होगी।

बीजेपी के विधायकों की संख्या 107 है लेकिन उसके दो विधायक पहले ही मुख्यमंत्री कमलनाथ से सम्पर्क में हैं। वहीँ 16 बागी विधायकों को मिलाकर कांग्रेस के विधायकों की संख्या 108 होती है। ऐसे में यदि शेष रहे 16 बागी विधायकों में से 7 विधायकों के इस्तीफे और स्वीकार कर लिए जाते हैं तो विधानसभा में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 101 हो जाती है ।

कांग्रेस के पास चार निर्दलीय, बसपा के दो और सपा के एक विधायक के समर्थन के साथ विधायकों की तादाद 108 हो जाती है। ऐसी स्थति में यदि बीजेपी के दो विधायक भी फ्लोर टेस्ट के दौरान क्रॉस वोटिंग करते हैं तो कांग्रेस को 110 विधायकों का मत हासिल हो जाएगा।

मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस नेता बार बार बेंगलुरु में फंसे अपने विधायकों को भोपाल लाने की बात इसीलिए कह रहे हैं क्यों कि उनकी बागी विधायकों में से कुछ विधायकों से बात हो चुकी है और ये विधायक कांग्रेस के साथ बने रहना चाहते हैं। ऐसे विधायकों की तादाद करीब 9-10 बताई जा रही है।

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TeamDigital