500 से अधिक मशहूर हस्तियों का CJI को पत्र, पेगासस जासूसी मामले में दखल देने की मांग
नई दिल्ली। पेगासस जासूसी मामले में जहां केंद्र सरकार पूरे मामले से अपना पल्ला झाड़ते हुए इसे आधारहीन बता रही है वहीँ विपक्ष पेगासस जासूसी मामले की जांच संसदीय समिति से कराये जाने की मांग पर अड़ा है।
इस बीच देश की 500 से अधिक मशहूर हस्तियों ने पेगासस जासूसी मामले में चिंता जताते हुए सुप्रीमकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना को पत्र लिखा है। पत्र में सुप्रीमकोर्ट से इस मामले को अपने हाथ में लेने की गुहार लगाई गई है।
पत्र में कहा गया है कि जानकारी में आया है कि पेगासस स्पाईवेयर का इस्तेमाल कर जर्नलिस्टों , विरोधी दल के नेताओं व अन्य के फोन के जरिए जासूसी की गई है। इस मामले में जिस तरह से सवाल खड़े हो रहे हैं, उसे सुप्रीम कोर्ट ही देख सकता है।
पत्र में आगे कहा गया है कि सीजेआई रंजन गोगोई पर सेक्शुअल हरैसमेंट का आरोप लगाने वाली महिला स्टाफ के मोबाइल की भी हैकिंग हुई है। मानवाधिकार ऐक्टिविस्ट को भी इसका शिकार बनाया गया है। ऐसे में जो सवाल उठ रहे हैं, उसे सुप्रीम कोर्ट ही देख सकता है।
सुप्रीमकोर्ट के चीफ जस्टिस को संबोधित इस पत्र में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट मामले की जांच करे कि क्या किसी भारतीय संस्थान या कंपनी ने पेगागस की खरीद की थी? अगर ऐसा है तो फिर उसका भुगतान कैसे किया गया? यह भी जांच की मांग की गई है कि अगर पेगासस की खरीद हुई है तो किसकी जासूसी करनी है, यह कैसे तय हुआ। उस जानकारी से क्या फायदा हुआ है।
इतना ही नहीं पत्र में कहा गया है कि इस तरह के टारगेट का जस्टिफिकेशन क्या है? जर्नलिस्ट, राजनेताओं, वकीलों, मानवाधिकार एक्टिविस्टों और सुप्रीम कोर्ट स्टाफ के निजता के उल्लंघन के मामले में कौन सी संवैधानिक अथॉरिटी निगरानी कर रहा है।
इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वालो में अरुणा राय, हर्ष मंदर, अंजली भारद्वाज, वृंदा ग्रोवर, रोमिला थापर, लेखक अरुंधति राय, अनुराधा भसीन, रिटायर सरकारी अधिकारी, रिटायर आर्म्ड फोर्स के अधिकारी और अन्य कई मशहूर चेहरे शामिल हैं।