किसी अन्य क्षेत्र के बारे में बोलने से पहले सावधानी बरतें सचिन तेंदुलकर: पवार

किसी अन्य क्षेत्र के बारे में बोलने से पहले सावधानी बरतें सचिन तेंदुलकर: पवार

मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को लेकर केंद्र को सलाह दी है कि यदि पीएम मोदी तथा कुछ वरिष्ठ मंत्रीगण किसानो से बात करने की पहल करें तो यह मामला हल हो सकता है।

शनिवार को पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए पवार ने कहा कि किसानो का मामला ऐसा नहीं है कि जिसका हल न निकाला जा सके। उन्होंने कहा कि किसानों से बात करने के लिए प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री या फिर नितिन गडकरी जैसे प्रमुख नेताओं को आगे आना चाहिए।

इतना ही नहीं शरद पवार ने क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को भी सलाह देते हुए कहा कि वे अन्य क्षेत्रो के बारे में कुछ बोलने से पहले सावधानी बरतें। उन्होंने कहा कि कई भारतीय हस्तियों ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है।

दरअसल, किसान आंदोलन के समर्थन में पॉप गायक रिहाना और स्वीडन की जलवायु एक्टिविस्ट ग्रेटा के बाद अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की भांजी मीना हैरिस ने ट्वीट किया था। इसके बाद बॉलीवुड की कई हस्तियों ने इस पर विरोध जताते हुए कहा कि किसान आंदोलन को लेकर गैर भारतीयों का ढकल स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसी कड़ी में सचिन तेंदुलकर ने भी ट्वीट कर कहा कि किसान आंदोलन में बाहरी ताकतों को दखल नहीं करना चाहिए। भारतीय ही भारतीयों के बारे में सोचने में सक्षम हैं।

शरद पवार ने सचिन तेंदुलकर के ट्वीट को लेकर कहा कि इतने महीने बाद भी कोई किसानों की सुधि नहीं ले रहा। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता होना स्वाभाविक है। किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए सड़क पर नुकीली कील लगाए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि आजादी के बाद ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि सचिन तेंदुलकर और लता मंगेश्कर के किसान आंदोलन को लेकर दिए बयान पर नाम लिए बिना कहा कि इसे लेकर (आंदोलन) जो राय इन्होंने रखी है, उससे जनता में नाराजगी है।

पवार ने कहा कि किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए सत्ताधारी दल के नेता कभी आंदोलनकारियों को खालिस्तानी कहते हैं तो कभी कुछ और कहकर बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।

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TeamDigital