हेमंत सोरेन ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, विपक्ष की एकता का गवाह बना शपथ ग्रहण समारोह
रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है। राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। हेमंत सोरेन दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं।
शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावा कांग्रेस और आरजेडी के भी विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। सोरेन का शपथ ग्रहण समारोह देश की विपक्षी पार्टियों की एकजुटता का गवाह बना है।
शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, पूर्व राज्यसभा सांसद शरद यादव, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, सुबोध कांत सहाय, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के अलावा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा और अतुल अंजान, डीएमके नेता एमके स्टालिन, जेएमएम नेता और हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन, पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह, एनसीपी नेता सुप्रिया सुले और असम के पूर्व सीएम तरूण गोगोई भी मौजूद थे।
हालाँकि कार्यक्रम में समारोह में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शामिल नहीं हो सके। शरद पवार की जगह उनकी बेटी सुप्रिया शुले और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की जगह आप के राज्य सभा सांसद संजय सिंह शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए।
जैसा कि पहले से कयास लगाया जा रहा था समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तथा उत्तर प्रदेश की ही पूर्व मुख्यमंत्री मायावती भी शामिल नहीं हुयीं।
44 साल के हेमंत सोरेन को 24 दिसंबर को गठबंधन की ओर से विधायक दल का नेता चुना गया था। विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद हेमंत सोरेन ने राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया था। झारखंड के चुनाव में हेमंत सोरेन की पार्टी झामुमो को सबसे अधिक सीटें मिली थीं।