मांगे नहीं मानी तो 26 जनवरी को राजपथ का नाम बदलकर कृषि पथ करेंगे किसान
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन के 24वे दिन भी किसान धरने पर डंटे रहे। इस बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज शाम कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तौमर से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान कृषि कानूनों के खिलाफ शुरू हुए किसान आंदोलन को लेकर भी चर्चा हुई।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर ने कहा कि किसान हमारे अपने हैं, एक समझ के साथ इस मुद्दे का हल निकले इस विषय पर काफी देर तक हमारी बातचीत रही। सरकार बातचीत के लिए हमेशा तैयार है।
किसानो से बातचीत के सवाल पर सीएम खट्टर ने कहा कि अगले 2-3 दिनों में बात हो सकती है। इस मुद्दे (किसानों के विरोध) का हल चर्चा के माध्यम से निकलेगा। खट्टर ने कहा कि मैंने कृषि मंत्री से कहा है कि इस मुद्दे को जल्द हल किया जाना चाहिए।
हरियाणा के सीएम एमएल खट्टर ने कहा कि मैं पंजाब के किसानों से अपील करता हूं कि वे सतलुज यमुना लिंक नहर मामले पर गंभीरता से विचार करें। हरियाणा के किसान सिंचाई की कमी से जूझ रहे हैं। मैंने इस मुद्दे को उठाया है। हम मांग करते हैं कि एसवाईएल नहर का निर्माण पूरा होना चाहिए।
किसान आंदोलन में शामिल हुए महम के विधायक:
वहीँ इससे पहले आज किसान आंदोलन में शामिल हुए हरियाणा के महम के विधायक कहा कि मजबूती के साथ इस मोर्चे पर डटे रहना है, मैं और मेरे तमाम साथी टिकरी बॉर्डर पर किसानों के साथ पूरी मजबूती के साथ मोर्चा संभाले हुए हैं।
उन्होंने कहा कि किसानों के हक नहीं मिलने तक हम ऐसे ही मजबूत होकर डटे रहेंगे। संत बाबा राम सिंह सिंघडा वाला की शहीदी समेत जितनी भी शहादत हुई हैं वे कभी व्यर्थ नहीं जाएंगी।
26 जनवरी को बड़ा एलान करेंगे राकेश टिकैत:
गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन पर बैठे भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आज कहा कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं, किसानों की घर वापसी भी नहीं होगी। किसान नेता ने कहा, सरकार कृषि बिल में संशोधन चाहती है, लेकिन किसानों की मांग बिल वापसी की है। मांगें पूरी नहीं हुई तो 26 जनवरी को राजपथ का नाम बदलकर कृषि पथ कर देंगे।
20 दिसंबर को किसान शहीद दिवस देशभर में मनाने का एलान:
यूपी गेट पर किसान संगठन ने प्रेस वार्ता कर 20 दिसंबर को किसान शहीद दिवस देशभर में मनाने का एलान किया है। सरदार वीएम सिंह ने कहा कि मांगें न मानने तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों को अलग-अलग जगह पर रोककर उनके ट्रैक्टर ट्रॉली जप्त की जा रही है। सिर्फ इतना ही नहीं गाजीपुर आने वाले किसानों की गाड़ियों के नंबर नोट कर पुलिस घरों पर जाकर उनके परिवार पर वापस लौटने का दबाव बना रही है।