25वे दिन भी किसान आंदोलन जारी, 26 दिसंबर को 2 लाख लोगों के साथ दिल्ली कूंच करेंगे बेनीवाल
नई दिल्ली। कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसानो का आंदोलन आज 25वे दिन भी जारी है। कड़ाके की ठंड के बावजूद भी किसानो का दूरदराज के इलाको से आना जारी है।
किसान आंदोलन में महिलाओं की तादाद भी लगातार बढ़ रही है। सम्भवतः यह पहला आंदोलन है जिसमे इतनी बड़ी तादाद में महिलाएं दूसरे राज्यों से पहुंची हैं। इनमे सर्वाधिक महिलाएं पंजाब और हरियाणा से सिंघु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पहुंची हैं।
इस बीच एनडीए में शामिल राष्ट्रीय लोकतान्त्रिक पार्टी के संयोजक हनुमान बैनीवाल ने एलान किया है कि वे 26 दिसंबर को किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए दो लाख लोगों के साथ राजस्थान से दिल्ली कूंच करेंगे। नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने किसान आंदोलन के समर्थन में कल तीन संसदीय समितियों से इस्तीफा दे दिया था।
वहीँ दूसरी तरफ हरियाणा में जेजेपी के बढ़ते दबाव के बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर ने कल देर शाम कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तौमर से मुलाक़ात के बाद कहा कि अगले दो तीन दिन में समाधान निकल सकता है। उन्होंने कहा कि किसानो से बातचीत के सवाल पर सीएम खटटर ने कहा कि अगले 2-3 दिनों में बात हो सकती है। इस मुद्दे (किसानों के विरोध) का हल चर्चा के माध्यम से निकलेगा। खट्टर ने कहा कि मैंने कृषि मंत्री से कहा है कि इस मुद्दे को जल्द हल किया जाना चाहिए।
किसान आंदोलन के 25वे दिन आज टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शहीद किसानो को श्रद्धांजलि दी गई। सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और चिल्ला बॉर्डर पर रविवार को किसानो की तादाद पहले से अधिक दिखाई दे रही है। चिल्ला बॉर्डर पर एक प्रदर्शनकारी ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा, “कानून खत्म कर दिए जाएं और हम दो घंटे में चले जाएंगे।”
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि किसान आंदोलन को आज 25 दिन हो गए हैं, किसी भी प्रकार से सरकार कोई रास्ता नहीं निकाल रही है। जिनके लिए कानून बनाए गए हैं अगर वो ही मानने को तैयार नहीं हैं तो सरकार कानून वापस ले। ईगो बनाकर कानून लोगों पर थोपे रहना और आंदोलन बढ़ाने का रवैया लोकतंत्र में ठीक नहीं है।