LIC और IDBI में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी सरकार
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज देश का आम बजट पेश करते हुए बड़ा ऐलान किया कि सरकारी क्षेत्र की सबसे बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम की बड़ी हिस्सेदारी को बेचा जाएगा। वित्त मंत्री ने आईडीबीआई बैंक में भी अपनी हिस्सेदारी बेचने की बात भी कही।
उन्होंने कहा कि सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम का आईपीओ लेकर आएगी और इसके जरिए एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी। हालांकि वित्त मंत्री के इस ऐलान का सदन में विपक्षी सांसदों ने विरोध किया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में कहा कि सरकार एलाआईसी में अपनी हिस्सेदारी का एक हिस्सा प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) के जरिए बेचने का प्रस्ताव करती है।
आईडीबीआई बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचे जाने को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा कि सरकार आईडीबीआई बैंक में अपनी पूरी हिस्सेदारी निजी कारोबारियों को बेचेगी।
सरकार आईडीबीआई बैंक में लगभग 46.5 फीसदी हिस्सेदारी रखती है और एलआईसी द्वारा इसका अधिग्रहण किए जाने के बाद इसे निजी बैंक के रूप में वर्गीकृत किया गया है। गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और सरकार ने बैंक में इक्विटी पूंजी के रूप में 9,300 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश करते हुए कहा कि बैंकों में जमा धनराशि पर बीमा की सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि बैंक जमा राशि पर गारंटी बढ़ा दी गई है। बैंक जमा पर गारंटी की सीमा तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी गई है।
वित्त वर्ष यानी 2019-20 के शुरुआती छह महीनों (अप्रैल-सितंबर) में एलआईसी की गैर निष्पादित संपत्ति यानी NPA में 6.10 फीसदी की बढ़त हुई है। यह एनपीए निजी क्षेत्र के यस बैंक, आईसीआईसीआई, एक्सिस बैंक के आसपास ही है।