इस रिपोर्ट को देखने के बाद ही सरकार लेगी लॉकडाउन पर फैसला
नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमित लोगों की बढ़ती तादाद के बीच 21 दिनों के लिए लागू किया गया लॉकडाउन 14 अप्रेल रात 12 बजे पूरा हो जाएगा। सरकार देशभर में 15 अप्रेल से लॉकडाउन खोलेगी या नहीं इसे लेकर अभी संशय बरक़रार है।
पिछले दो दिनों के अंदर कोरोना संक्रमित मरीजों की तादाद में हुई अनुमान से अधिक बढ़ोत्तरी और कोरोना संक्रमित लोगों की मौत के आंकड़े को देखकर इतना अवश्य कहा जा सकता है कि सरकार लॉकडाउन खोलने को लेकर जल्दबाज़ी में कोई फैसला नहीं लेगी।
वहीँ एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सरकार 10 तारीख को आने वाली इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। इस रिपोर्ट के अध्यन के बाद ही सरकार कोई फैसला करेगी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की रिपोर्ट से तय होगा कि भारत में कम्युनिटी संक्रमण किस स्तर पर है और देश में 21 दिनों का लॉकडाउन रखने से कोरोना संक्रमण को रोकने की मुहिम में कितना फायदा हुआ।
वहीँ कुछ मीडिया रिपोर्ट यह भी कहा गया है कि यदि सरकार लॉकडाउन खोलने का फैसला लेती है तो वह कुछ पाबंदियों के साथ ही लॉकडाउन खोलेगी। रिपोर्टस में कहा गया है कि सरकार लॉकडाउन खोलने के साथ ही भीड़ जुटने के माध्यमों रेल और बस ट्रांसपोर्ट, धार्मिक स्थानों, शॉपिंग मॉल, सिनेमा हॉल इत्यादि को बंद रखने की नीति अपना सकती है।
देश में लागू किये गए 21 दिनों के लॉकडाउन के चलते देश की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान होने की उम्मीद जताई जा रही है। वहीँ छोटे और मध्यम कारोबारों के बंद होने से मिडिल क्लास लोगों के सामने आजीविका का खतरा पैदा हो सकता है। इन सब चीज़ो को ध्यान में रखकर सरकार असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए कोई बड़ा एलान कर सकती है।
वहीँ फैक्ट्रियां बंद होने से न सिर्फ फैक्ट्रियों में उत्पादन रुका है वहीँ फैक्ट्रियों में काम करने वाले कर्मचारियों पर बेरोज़गार होने की तलवार लटकी हुई है। अहम सवाल यह भी है कि आखिर राज्य सरकारें कब तक लाखो लोगों के राशन और खाने पीने का बंदोबस्त करने में सक्षम हैं। प्रवासी मजदूरों के दूसरे राज्यों में फंसे होने के कारण दिल्ली और महाराष्ट्र की सरकारों पर प्रतिदिन लाखो लोगों को भोजन कराने की बड़ी ज़िम्मेदारी है।
ऐसे में माना जा रहा है कि सम्भवतः सरकार कुछ शर्तों के साथ कुछ दिनों के लिए लॉकडाउन खोले, जिससे कम से कम दूसरे शहरो और राज्यों में फंसे लोग पने अपने ठिकानो पर पहुँच सकें।