किसने बनाया आरोग्य सेतु एप, सीईसी के नोटिस के बाद सरकार की सफाई
नई दिल्ली। कोरोना काल में जिस आरोग्य सेतु एप को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ी अहमियत दिखाई उस आरोग्य सेतु एप को किसने बनाया ? इसके बारे में केंद्र सरकार को जानकारी नहीं है।
इस मामले का खुलासा 27 अक्टूबर को तब हुआ जब केंद्रीय सूचना आयोग ने सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय, नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर सहित नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन को नोटिस भेजा।
27 अक्टूबर को भेजे नोटिस में इन सभी से पूछा गया है कि उनके खिलाफ आरटीआई एक्ट के तहत जुर्माना क्यों ना लगाया जाए, क्योंकि उन्होंने जानकारी देने में रुकावट डाली और आरोग्य सेतु ऐप से संबंधित एक आरटीआई आवेदन का स्पष्ट रूप से जवाब नहीं दिया।
दरअसल सौरव दास नामक एक व्यक्ति ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 (आरटीआई) के तहत पूछा कि आरोग्य सेतु एप जिसे सरकार प्रमोट कर रही है, उसे किसने बनाया है। इस पर नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर ने इस आरटीआई के जबाव में कहा था कि उसके पास जानकारी नहीं है।
इस मामले के तूल पकड़ने के बाद अब सरकार ने स्पष्टीकरण दिया है। सरकार ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए रिकॉर्ड समय में सार्वजनिक निजी सहयोग से इस ऐप को तैयार किया गया।
स्पष्टीकरण में कहा गया कि ऐप पारदर्शी तरीके से विकसित किया गया था और ऐप के संबंध में कोई संदेह नहीं होना चाहिए, क्योंकि भारत में कोविड-19 महामारी को रोकने में इसकी काफी भूमिका रही है।
सरकार की तरफ़ से जारी किए गए स्टेटमेंट में कहा गया है, आरोग्य सेतु एप को 21 दिन के अंदर रिकॉर्ड टाइम में तैयार किया गया था, ताकि लॉक्डाउन के रेस्ट्रिक्शन में इससे कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का काम लिया जा सके। इस ऐप को इंडस्ट्री के बेस्ट माइंड, एकेडमिया और सरकार ने मिल कर बनाया है।
गौरतलब है कि कोरोना काल में सरकार की तरफ से आरोग्य सेतु एप को प्रमोट किया गया था। कई मामलो में आरोग्य सेतु एप को आवश्यक रूप से लागू किया गया था।