छिटपुट घटनाओं के साथ असम और बंगाल में पहले चरण का चुनाव संपन्न

छिटपुट घटनाओं के साथ असम और बंगाल में पहले चरण का चुनाव संपन्न

नई दिल्ली। पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल और असम में आज पहले चरण का चुनाव संपन्न हो गया है। पश्चिम बंगाल में कुछ एक घटनाओं को छोड़कर कुल मिलाकर मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हो गया। वहीँ असम में किसी तरह की कोई घटना होने की सूचना नहीं है और चुनाव पूर्णतः शांतिपूर्वक संपन्न हुआ।

पहले चरण में राज्य की 5 जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर सुबह 7.00 बजे से शाम 6.30 बजे तक वोटिंग हुई। वहीँ असम में 72.14 फीसदी मतदान हुआ। पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान कई जगह से बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प होने की ख़बरें आती रहीं। कांथी में शुभेंदु अधिकारी के भाई सौमेंदु अधिकारी के ड्राइवर पर हमला किया गया। उन्होंने इस हमले के लिए तृणमूल कांग्रेस को ज़िम्मेदार ठहराया है।

पश्चिम बंगाल में कहां कितना मतदान(शाम 6 बजे तक):

पश्चिम बंगाल में पहले चरण के चुनाव के लिए आज 5 जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ। शाम 6 बजे तक बांकुड़ा में 80.03 फीसदी,
झारग्राम में 80.55 फीसदी, पश्चिम मेदिनीपुर में 80.16 फीसदी, पूर्व मेदिनीपुर में 82.42 फीसदी तथा पुरुलिया में 77.13 फीसदी मतदान दर्ज किया गया।

ममता का आरोप ईवीएम में गड़बड़ी करा रही बीजेपी:

आज पहले चरण के लिए पश्चिम बंगाल के 5 जिलों की 30 सीटों पर मतदान के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिमी मिदनापुर जिले में एक रैली में दावा किया कि बीजेपी ने ईवीएम में गड़बड़ी की है और केंद्रीय बलों के माध्यम से मतदाताओं को डरा रही है।

उन्होंने कहा, ”आज कांठी के कुछ मतदान केन्द्रों पर वीवीपैट से दिखा कि वोट भाजपा के पक्ष में पड़ रहे हैं, फिर चाहे मतदाता किसी अन्य पार्टी के चुनाव चिन्ह का बटन क्यों ना दबा रहा हो। कुछ जगहों पर केन्द्रीय बलों को मतदाताओं को धमकाते हुए देखा गया।”

ज़्यादा मतदान से किसको खतरा:

चुनाव विश्लेषकों की माने तो पश्चिम बंगाल और असम में उम्मीद से अधिक मतदान हुआ है। ऐसे में अब इसे लेकर बहस शुरू हो गई है कि अधिक मतदान किस पार्टी के लिए शुभ संकेत है। विश्लेषकों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में आज हुए बंपर वोटिंग से तृणमूल कांग्रेस को बड़ा फायदा हो सकता है। अधिक मतदान का अहम कारण तृणमूल कांग्रेस का बूथ मैनेजमेंट है।

बताया जा रहा है कि दोपहर एक बजे बाद तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मतदाताओं को बूथ पर भेजने में पूरी ताकत झौंकी। इतना ही नहीं तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर को देखते हुए पूरा चुनाव ममता बनर्जी की प्रतिष्ठा से छोड़कर देखा जाने लगा। यही कारण है कि मतदान में एक बजे के बाद अचानक उछाल आया।

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TeamDigital