रामदेव की मुश्किलें बढ़ीं, राजस्थान में भी मामला दर्ज

रामदेव की मुश्किलें बढ़ीं, राजस्थान में भी मामला दर्ज

जयपुर। कोरोना की दवा बनाने का दावा करने वाली योग गुरु बाबा रामदेव से जुडी कंपनी पतंजलि की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अब बाबा रामदेव, पतंजलि के चेयरमैन बालकृष्ण तथा अन्य लोगों के खिलाफ जयपुर में एकआईआर दर्ज गई है।

इससे पहले बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में भी बाबा रामदेव के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए कोर्ट में परिवाद दायर किया जा चुका है। वहीँ मंगलवार को भी जयपुर के गांधी नगर थाने में उनके खिलाफ परिवाद दर्ज की गई थी। गौरतलब है कि हाल ही में बाबा रामदेव से जुडी कंपनी पतंजलि ने कोरोना की दवा बनाने का दावा करते हुए एक किट लांच की थी।

हालांकि शाम होते होते पतंजलि के दावों की हवा निकल गई और आयुष मंत्रालय ने पतंजलि द्वारा बनाई गई दवा के विज्ञापन पर रोक लगा दी। इसके बाद पतंजलि और बाबा रामदेव के दावों से परतें उतरनी शुरू हो गयीं।

पतंजलि ने दवा की टेस्टिंग को लेकर जो दावे किये थे, उन्हें आयुष मंत्रालय ने खारिज कर दिया। वहीँ उत्तराखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने इस बात से इंकार कर कर दिया कि कोरोना की दवा बनाने केलिए पतंजलि को कोई लाइसेंस जारी किया गया था। बताया गया कि पतंजलि ने कोरोना की दवा के निर्माण के लिए कोई लाइसेंस ही नहीं लिया बल्कि सर्दी जुकाम की दवा बनाने के लाइसेंस पर ही कोरोना की दवा बनाई गई।

अब इस मामले में जयपुर के ज्योतिनगर थाने में बाबा रामदेव, दिव्य फार्मेसी के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण और पतंजली रिसर्च इस्टीट्युट के वरिष्ठ वैज्ञानिक अनुराग वाष्णेर्य के अलावा डॉ. बलवीर सिंह तोमर व डॉ.अनुराग सिंह तोमर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

यह एफआईआर बलराम जाखड़ और अंकित कपूर द्वारा दर्ज कराइ गई है। शिकायत में कहा गया है कि कोरोना महामारी के दौरान लोगों को धोखा देकर बिना लाइसेंस फ़र्ज़ी दवा बनाकर अरबो रूपये कमाने की मंशा से कोरोना की दवा बनाने का दवा किया गया, जो कि धारा 188, 420, 467, 120बी, भादस संगठित धारा 3, 4, राजस्थान एपीडेमिक डिजीज ऑर्डिनेंस 2020, धारा 54, आपदा प्रबंधन अधिनियम एवं धारा 4/7 और ड्रग्स एंड मेजिक रेमेडीज एक्ट 1954 के अधीन दंडनीय अपराध है।

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