कृषि कानूनों और एमएसपी पर आखिरी बातचीत के लिए रणनीति तैयार करेंगे किसान
नई दिल्ली। कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की गारंटी के लिए कानून लाये जाने जैसी मांगो को लेकर आंदोलन कर रहे किसान सोमवार को सरकार के साथ बेनतीजा खत्म हुई बातचीत के बाद आगे की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
अब तक सात दौर की बातचीत बेनतीजा रहने के बाद आठवे दौर की बातचीत के लिए 8 जनवरी की तारीख तय की गई है। हालाँकि किसान नेता अभी भी यह मानकर चल रहे हैं कि सरकार के साथ होने वाली आठवें दौर की बातचीत में भी मामला हल नहीं होगा।
सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन में शामिल एक किसान नेता ने कहा कि अब 8 जनवरी को होने वाली बैठक को हम अंतिम बैठक मानकर चल रहे हैं लेकिन जिस तरह पिछली बैठकों में सरकार का रवैया रहा है, उसे देखकर लगता है कि अगली बैठक में भी सरकार कोई नई दुविधा बताकर किसानो को भ्रमित करने की कोशिश करेगी।
अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि हमारी एक ही मांग है कि कानून वापस हो। हम खेती करने वाले किसान हैं, सरकार हमें व्यापारी बनाना चाहती है। हम व्यापारी नहीं बनना चाहते, हम उत्पादक रहना चाहते हैं। तीनों कानूनों का खेती के साथ कोई संबंध नहीं है व्यापार के साथ संबंध है।
वहीँ दूसरी तरफ आज 39वे दिन भी किसान आंदोलन जारी है। बारिश और सर्दी के बावजूद किसान अभी भी डंटे हुए हैं। गाज़ीपुर बॉर्डर पर एक प्रदर्शनकारी ने बताया, “बारिश और ठंड से हमें कोई दिक्कत नहीं हो रही है किसान का जीवन ही संघर्ष है। हम यहां से तभी ही जाएंगे जब सरकार MSP को कानून बना देंगे। इससे पहले हम नहीं जाएंगे।”
किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी पंजाब के नेता सुखविंदर सिंह सभरा ने कहा कि सरकार की नीयत में खोट है। 8 जनवरी को 8वें दौर की बात होगी। बातचीत में कुछ निकलता दिखाई नहीं दे रहा। सरकार एक कदम भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि कानून फायदेमंद हैं। PM खुद बैठक कर कानूनों को निरस्त करने की बात करें।
सोमवार को भी बातचीत रही बेनतीजा:
गौरतलब है कि कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की गारंटी देने के लिए कानून बनाने की मांग कर रहे किसानो और सरकार के बीच सोमवार को एक बार फिर कई घंटे तक चली बातचीत बेनतीजा खत्म हो गई। किसानो की मांगो पर चर्चा के लिए अगली बैठक की तारीख 8 जनवरी तय की गई है।
बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तौमर ने कहा कि हम चाहते हैं कि किसान यूनियन की तरफ से वो विषय आए जिस विषय में किसान को कोई परेशानी होने वाली है, उस विषय पर सरकार खुले मन से विचार करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि सरकार देशभर के किसानों के प्रति प्रतिबद्ध है। सरकार जो भी निर्णय करेगी, सारे देश को ध्यान में रखकर ही करेगी।
आज हुई किसान नेताओं के साथ बैठक को लेकर कृषि मंत्री ने कहा कि चर्चा का माहौल अच्छा था परन्तु किसान नेताओं के कृषि क़ानूनों की वापसी पर अड़े रहने के कारण कोई रास्ता नहीं बन पाया। 8 तारीख को अगली बैठक होगी। किसानों का भरोसा सरकार पर है इसलिए अगली बैठक तय हुई है। उन्होंने कहा कि चर्चा जिस हिसाब से चल रही है, किसानों की मान्यता है कि सरकार इसका रास्ता ढूंढे और आंदोलन समाप्त करने का मौका दे।