किसानो को सरकार के लिखित प्रस्ताव का इंतज़ार, आंदोलन 14वे दिन भी जारी
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानो का आंदोलन आज 14वे दिन भी जारी है। कल रात गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत के बाद किसान अब सरकार की तरफ से मिलने वाले लिखित मसौदे का इंतज़ार कर रहे हैं।
गौरतलब है कि कल रात किसान यूनियनो के नेताओं और गृह मंत्री अमित शाह के बीच हुई बैठक भी बिना नतीजा खत्म हो गई थी। गृह मंत्री अमित शाह ने कृषि कानूनों को वापस लेने के प्रस्ताव से इंकार कर दिया था। हालांकि संशोधनों को लेकर उन्होंने कहा कि कल सरकार की तरफ से किसानो को लिखित प्रस्ताव दिया जायेगा।
अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हनन मुला ने बताया कि कल बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला। सरकार आज सुबह 11 बजे तक लिखकर भेजेगी(प्रस्ताव), 12 बजे सिंघु बॉर्डर पर हमारी बैठक है। सरकार ने 10 दिसंबर को बैठक के लिए बोला है, अगर प्रस्ताव के बाद कुछ सकारात्मक निकल कर आता है तो कल बैठक हो सकती है।
वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने कहा कि गृहमंत्री ने कल किसान संगठनों से कानून में क्या संशोधन हो सकते हैं उस पर बात की। किसानों ने जो भी संशोधन करने की मांग की उन्होंने सभी संशोधन करनी की बात कही है। आज वे किसानों को लिखित प्रस्ताव दे रहे हैं, किसान विचार कर सरकार को बताएंगे।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि प्रस्ताव पर चर्चा होगी, बैठक(छठे दौर की वार्ता) रद्द हो गई है। पहली बार सरकार का दस्तावेज सामने आएगा, आगे के आंदोलन की रूपरेखा प्रस्ताव के बाद तय होगी।
किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के नेता सुखविंदर सिंह सभरा ने कहा कि सरकार इस समय हड़बड़ाहट में है, कल शाम बुलाई गई बैठक बेफायदा थी। प्रस्ताव भेजना था तो 6 या 7 दिसंबर को भेजते। अगर प्रस्ताव में संशोधन की बात आती है तो उससे बात नहीं बनेगी।
दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन में आज 14वे दिन भी अन्य राज्यो से किसानो का आना जारी है। सबसे ज़्यादा किसान पंजाब और हरियाणा से आ रहे हैं।
आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलेंगे विपक्ष के नेता:
इस बीच किसानो की मांगो के संदर्भ में आज विपक्ष राष्ट्रपति भवन का रुख करेगा। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, सीपीआई(एम) नेता सीताराम येचुरी सहित विपक्ष के कई नेता शाम पांच बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि मोदी जी को अपनी हठ छोड़नी चाहिए। किसानों के विषय पर इस प्रकार से हठ करना किसी के लिए उचित नहीं है न ही देश के लिए और न ही उनके लिए उचित है। मैं कहूंगा कि वो तत्काल इस 3 कानूनों को वापस ले और संयुक्त संसदीय समिति बनाए जो किसानों से बातचीत कर इसका हल निकाले।