लॉकडाउन में कैसे कर रहे जनता की सेवा, पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव से एक्सक्लूसिव बातचीत
बदायूं: जैसा की आप जानते है आपका लोकप्रिय न्यूज़ प्लेटफार्म लोकभारत आप कों लगातर आपके जनप्रतिनिधियों से रूबरू करा रहा है औऱ उनसे जानने कोशिश कर रहा है कि वे लॉकडाउन के दौरान किस तरह जनता से संवाद कर रहे हैं और जन समस्यायों को हल करने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं।
इसके अलावा आपके जनप्रतिनिधि वह किस तरह से लाकडाऊन का पालन कर रहे है, यह भी हम आपतक लगातार पहुंचा रहे हैं. इसी क्रम में आज लोकभारत प्रतिनिधि विजय श्रीवास्तव ने समाजवादी के कद्दावर नेता और बदायूँ लोकसभा से पूर्व सांसद धर्मेद्र यादव के साथ एक्सक्लूसिव वाचचीत की. पढ़िए हमारे सहयोगी विजय श्रीवास्तव के साथ समाजवादी पार्टी के नेता धर्मेन्द्र यादव की एक्सक्लूसिव वाचचीत के प्रमुख बिंदु
सवाल: धर्मेन्द्र जी, लाकडाऊन का आप किस तरह पालन कर रहे हैँ औऱ इतना लंबा समय आप घर में किस तरह बिता रहे हैँ?
जवाब: विजय जी, जिस दिन से लाकडाऊन की घोषणा हुई है, उस दिन से आज तक सरकार की जो भी गाइड लाईन आयी है, मैने उसका पालन किया है. यह बिल्कुल सही है ऐसा पहली बार हुआ है, जब इतना लंबा समय घर परिवार में बीता है. मैने अपने घर परिवार में बच्चों के साथ 45 दिन से ज्यादा का समय बिताया है. अब उस समय में बच्चों को पढ़ाने में उनके साथ खेलने का समय मिला मै उसको इस्तेमाल कर रहा हूँ लेकिन इसके अलावा एक तरफ घर परिवार में रहने का मौका मिला है. वही चिंता उन करोडो लोगों की है जो परेशान है लोग अपने घर पैदल चलकर आ रहे है. लोग रेल की पटरियों पर रात गुजार रहे है. यह देखकर बहुत ज्यादा दुख हो रहा है औऱ उनके सामने जो चुनौती आयी है, लाकडाऊन की लगातर चिंता उसको लेकर है.
सवाल- केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार औऱ प्रदेश की योगी सरकार ने लाकडाऊन में बेहतर कार्य किया है, ऐसा लोगों का कहना है, आपकी क्या राय है?
जवाब-देखिये, विजय जी लोगों का क्या मानना है, सरकार बेहतर कार्य करें सरकार की जिम्मेदारी बनती है. यह तो नियमित सच है लेकिन बहुत सारी चीजे बिना तैयारी के सरकार द्वारा की गयी हैं. वही अगर लाकडाऊन की संभावना के बारें में भी होली के समय अगर अनाउंस हो जाता तो मै समझता हूँ कि देश के सामने ऐसी भी चुनौती भी आ सकती थी. कोरोना वायरस के कारण कि देश को लाकडाऊन करना पड़ सकता है तो देश प्रदेश के करोडो मजदूर होली मनाकर अपने अपने घरों से जो अपने काम पर पहुँच गये थे, तो वह अपने घरों में ही रुक गये होते. आज जो देश के सामने संकट है. दिल्ली में हो मुंम्बई सूरत में या फिर कई अन्य राज्यों में मजदूरो की दुर्दशा हो रही है. शायद दुर्दशा नही होती, अगर होली के दौरान एक ऐलान कर दिया जाता कि जो लोग बाहर जाना चाहते है वह अपने घरों में रुक जाऐं तो एक बड़ी परेशानी से बचा जा सकता था. जिस तरह से मुंबई में मजदूरों के साथ रेल की पटरी पर हादसा हुआ उससे भी बचा जा सकता था अगर सरकार समय से जनता को आगाह करती तो लेकिन सरकार ने ऐसा नही किया
सवाल-उत्तर प्रदेश में सरकार ने लाकडाऊन में सबसे पहले शराब की दुकानें खोलने के आदेश दिए. यह फैसला सरकार का कितना सही है इस आदेश की प्रदेश भर में आलोचना भी हुई?
जवाब-देखिये, उत्तर प्रदेश की सरकार ने परेशानियों को नही देखा औऱ सरकार को अपने राजस्व का भी इंतजाम करना था सरकार ने उसे प्राथमिकता दी लेकिन इसके अलावा भी छूट दी जाती तो बहुत सारी चीजें जरूरत की थीं जिसको प्राथमिकता देनी चाहिऐ थी शराब इतनी जरूरी नही थीं. सरकार अपने राजस्व के हिसाब से कुछ भी कर सकती है, उससे भी ज्यादा जरूरी चीजों पर ध्यान दिया जाता तो औऱ बेहतर हो सकता था. मै कह सकता हूँ औऱ भी इलाके जहाँ सरकार ने रेड जोन के इलाके चिन्हित किये, उस इलाकों से खबरें लगातर आ रहीं हैं लोग बुखमरी के कगार पर हैं. सरकार का होम डिलेवरी का जो तरीका हैं वह पूरी तरह फेल है. सार्वजनिक वितरण प्रणाली की चैन पूरी तरह फेल है. कोरोना की रोकथाम जरूरी है इसमे कोई शक नही है, इसके साथ साथ लोग भूख से ना मरें गरीबी से ना मरें, यह भी सरकार की एक बड़ी जिम्मेदारी है.
सवाल-देश कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ रहा है, वहीँ दूसरी तरफ हमारे सैनिक आतंकी हमलो में शहीद हो रहे है इसे कैसे देखते हैं?
जवाब-विजय जी, एक बात मै कहा सकता हूँ हमारे देश जैसे बहादुर सैनिक दुनिया में किसी देश के पास नही है औऱ जो भी हमारे सैनिक शहीद हो रहे है हम लोगों का बहुत दुर्भाग्य है. इस समय दुनिया कोरोना वायरस की महामारी से गुजर रही है ऐसे समय में जो आतंकबाद का सहारा ले रहे है उनकी जितनी आलोचना की जाऐं वह कम है. सरकार कों मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए. मैने पहले भी सदन में रहते हुए कहा था, नेताजी ने भी कई बार कहा है, कई मौको पर कहा है कि जब जब हमारी देश की सेना ने युध्द लड़ा, हमारी सेना जीती है लेकिन यह दुर्भाग्य है. जब जब हमारे देश के नेताओं के बीच वार्ता हुई है तब तब हमारा देश हारा है. इसलिए हमारी बहादुर सेना कों बहादुरी के साथ काम करने का मौका देंगे वह सक्षम है. देश की सीमाएं सुरक्षित रखने में देश की एकता औऱ अखंडता कों सुरक्षित रखने में हमारी सेना सदैव तत्पर है.
सवाल-उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बयान दिया है कि देश कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ रहा है, इस समय सियासत नही होनी चाहिए. आप कितना सहमत हैं?
जवाब-विजय जी मुझे अब तक जितना राजनीतिक अनुभव हैं, मै समझता हूँ अब तक मै 20-22 साल से राजनीति में सक्रिय हूँ. मैने अब तक जो सुना हैं, समझा हैं, अपने अग्रजनो से औऱ जो सीखा हैं. देश औऱ प्रदेश में विपक्ष के लोग जितना सकारत्मक सहयोग सरकार का कर सकते थे उतना कर रहे हैं. मै नही समझ पा रहा हूँ सरकार कहाँ असहयोग महसूस कर रही है. हालाँकि यह जरूर हैं सरकार में बैठे लोग अभी भी राजनीति कर रहे हैं. वह राजनीति से बाज नही आ रहें हैं. अगर वह लोग राजनीति छोड़ गंभीरता से इस चुनौती कों समझते औऱ इसका समाधन करने निकलते तो मै समझ सकता हूँ तो देश में कोरोना जैसी समस्या से बहुत हद तक निजात मिल चुकी होती लेकिन उन्हें राजनीति करने से फुर्सत नही हैं. आज जो मुख्यमंत्री जी विपक्ष के लिए कह रहे हैं, वह अपने औऱ अपनी पार्टी के ऊपर सोचें उसके बाद विपक्ष पर आरोप लगायें विपक्ष लगातर सरकार का सहयोग कर रहा है औऱ विपक्षी के तौर पर जहाँ भी लग रहा है. कुछ कमी है तो विपक्ष सुझाव देगा ही. यह विपक्ष की नैतिक जिम्मेदारी है संवैधानिक जिम्मेदारी है राजनीतिक जिमेदार है औऱ विपक्ष उसे बखूबी निभा रहा है.
सवाल-देश में अब तक कोरोना मरीजों का आंकड़ा 59 हजार से ज्यादा हो चुका है, सरकार ने लाकडाऊन थ्री के बाद कुछ छूट दी है. सरकार का यह फैसला कितना सही है? जिस तरह मरीजों की संख्या बढ़ रही है क्या हालत औऱ खराब हो सकते हैं?
जवाब-देखिये हकीकत यह हैं दुनिया में जितने भी देशो में कोरोना महामारी व्यापक रूप से फैली है अगर उसकी तुलना करें तो हिन्दुस्तान में अभी तक टेस्टिंग सबसे कम हुई है औऱ पूरी टेस्टिंग हो पाती तो जो आंकड़ा आप देख रहें हैं. इससे कही ज्यादा आंकड़ा होता लेकिन सरकार को बगैर अपनी पीठ थप थपाये थाली पिटवाने, दीपक जलवाने से यह कोरोना वायरस खत्म होने वाला नही है. कोरोना खत्म होगा तो टेस्टिंग से ही कोरोना खत्म होगा. डाक्टर्स कों बेहतरीन किट मिले ऐसा नही है, कई खबरें है कि इलाज करते करते डाक्टर्स खुद बीमार हो गये. इसका मतलब यह है जो किट्स दी जाँ रहीं है वह घटिया किस्म की है. यह मै तो कही रहा हूँ इसके अलावा बहुत सारे चाहे वह हरदोई का हो, आगरा – लखनऊ मेयर ने भी आवाज उठाई हैं. कई विपक्ष के लोगों ने भी इस बात कों कहा है. सत्ता पक्ष के भी बहुत सारे लोगों ने इस बात कों कहा है कि क्वालिटी की कमी है. आगरा के मेयर ने इतना तक कहा कि आगरा कों वुहान होने से बचा लो. लखनऊ के मेयर ने कहा जो सैनेटाइजर खरीदे गये है, उसमे घोटाले हुए हैं. सरकार कों इस पर अध्यन करना चाहिए. थाली पिटवाने औऱ दीपक जलाने के बजाय सरकार का ध्यान इन चीजों पर जाना चाहिऐ.
सवाल-उत्तर प्रदेश सरकार ने जो बाहर से मजदूरो कों लाने का प्रयास किया हैं औऱ ला रहीं हैं, क्या सरकार इससे औऱ बेहतर कर सकती थीं?
जवाब-सरकार ने जो फैसला लिया हैं वह उसे बहुत पहले लेना चाहिए था. नंबर एक, अगर सरकार ऐसा करती तो बाहर फंसे लोगों कों 45 दिन तक इस संकट का सामना करना नही पड़ता. नंबर दो, इस बीच जो मजदूर बहुत दूर से पैदल चलकर जो लोगों ने परेशानी झेली हैं औऱ जान गंवाई है वह संकट औऱ चुनौती नही झेलनी पड़ती. कही मकान मालिकों के सामने, कही खाने को लेकर कई औऱ अलग अलग तरीक़े की समस्याओं कों नही झेलना पड़ता. यह सरकार कों पहले दिन करना था.
सवाल-धर्मेन्द्र जी आप समाजवादी पार्टी के बड़े नेता हैं, उतर प्रदेश के अलग अलग जनपदों से लोगों की बहुत सी समस्या आपके पास आयीं होगी उनका कैसे निस्तारण कराया?
जवाब-देखिये विजय जी उतर प्रदेश के किसी भी जनपद से मुझे कही से कोई सूचना प्राप्त हुई, चाहे वह टेलीफोन के जरिए, पार्टी कार्यकर्ता के जरिए या फिर सोशल मीडिया के माध्यम से, तो मैने सबसे पहले जो पार्टी के स्थानीय जिम्मेदार लोग थे, उन लोगों से टेलीफोन से वार्ता करके जो समस्या समाधन के बेहतरीन विकल्प हो सकते थे उससे लोगों की समस्या का समाधन किया है. जो हम बेहतर कर सकते थे हमने करने की कोशिश की हैं औऱ आज फक्र के साथ कह सकता हूँ कि आज हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देशन में जितना बेहतर से बेहतर हो सकता था उतना किसी दूसरी पार्टी ने नही किया है. इतना ही नही जो मुझे जानकरी मिली हैं, सरकारी तंत्र ने भी उतना बेहतरीन कार्य नही किया जो हम समाजवादियों ने मिलकर किया है.
सवाल -सीएम योगी की अगुआई में प्रदेश में लोकस्वास्थ एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश 2020कों कैबिनेट ने मंजूरी दी. नए कानून के तहत स्वास्थ कर्मी पुलिस कर्मी साथ ही किसी कोरोना वारियर से की गयी अभद्रता हमले पर 6माह से लेकर सात साल की सजा के अलावा पांच हजार से पांच लाख तक जुर्माने का भी प्रावधान हैं. आइसोलेशन तोड़ने पर भी इसी कानून के तहत कार्यवाही होगी कितना सही हैं?
जवाब-देखिये कोरोना वायरस से जो लोग लड़ रहें हैं, चाहे डाक्टर्स हो पुलिस के लोग हो, इसके अलावा सफाई कर्मी हो मेडिकल स्टाफ के साथ साथ पत्रकार हो इनके साथ अभद्र व्यवहार नही होना चाहिए. मै इस बात के पक्ष में नही हूँ औऱ ना हो सकता हूँ. किसी तरह का हमला देश सेवा में लगे लोगों पर नही होना चाहिए. इसमे कोई शंका नही है लेकिन कुछ जगह कोरोना की आड़ में सरकारी लोग भी शोषण कर रहें हैं. उनको भी विशेषकर पुलिस जैसे लोगों कों भी अपना आचरण सही रखना चाहिऐ. क्योकि यह समय संकट का है इससे सबको मिलकर लड़ना है.
सवाल-उत्तर प्रदेश में पेट्रोल डीजल के दाम बड़ा दिए गये हैं. इसके साथ साथ शराब के रेट में भी बढ़ौतरी हुई है. सरकार का फैसला ठीक है?
जवाब-देखिये, सरकार का लक्ष्य इस समय सिर्फ राजस्व बढ़ाना है. इस समय जहाँ सरकार ने लाकडाऊन कर रखे है ऐसे समय में जनता की जितनी मदद हो जाऐं वह कम ही है. जनता के ऊपर कोई भी अतिरिक्त बोझ लादने का यह समय नही है औऱ ना जनता उस हालत में है कि उसे झेल सकें. सरकारी कर्मचारियों का डीए आपने काट लिया बहुत सारे लोगों की तनख्वाह काटी जा रहीं है. इस समय में सरकार जनता की मदद करती. यह समय ऐसा नही है कि जनता से राजस्व वसूलने के माध्यम खोले जाऐं. सरकार का यह फैसला कही से भी उचित नही है, ऐसे समय में किसी भी कीमत में ऐसे फैसले नही होने चाहिऐ.
सवाल-आप बदायूँ से दो बार सांसद रहें है, आज भी बदायूँ के लोगों से आप दिली मोहब्बत रखते है. बदायूँ में कोरोना के 16 मामलें थे, जिनमे 13 सही होकर बरेली से डिस्चार्ज हो चुके है. आप जिला प्रशासन औऱ बदायूँ जी जनता कों क्या मैसेज देंगे?
जवाब-देखिये, मुझे खुशी उस समय होगी जब हमारा बदायूँ जिला कोरोना मुक्त होगा औऱ एक भी केस नही बचेगा औऱ नये केस होने की पूरी संभावना खत्म हो जायेगी. इसका जो समय है वह निकल जाऐगा. मेरे लिए वह पल सबसे ज्यादा खुशी का होगा. औऱ जहाँ तक बदायूँ की जनता का सवाल है, बदायूँ की जनता ने जिला प्रशासन का लाकडाऊन में बहुत बेहतर सहयोग किया है. जो भी लाकडाऊन के नियम हैं उनका बखूबी पालन किया है. वही जिला प्रशासन के लोग जितना कर सकते उतना किया है. कही अगर खामी दिखी है तो मै लगातर अधिकारियों के संपर्क में रहा हूँ औऱ समाजवादी कार्यकर्ता के तौर पर बदायूँ क्षेत्र के सेवक के तौर पर जो मदद कर सकता था, वह मैने करने का प्रयास किया है. लेकिन मै यह बिल्कुल कहूंगा कि जनपद बदायूँ के अंदर जो सत्ता पक्ष में बैठे लोग है, उन्होने अपने आप कों ज्यादा ही होम कुंआरनटीन कर रखा है औऱ उन्होने कही भी जनता की या उनकी समस्यायों का निस्तारण औऱ गंभीर सेवा करते नही दिखे. कुछ रस्म अदाइया जरूर हुई लेकिन जो जनता में हित में समर्पण हो सकता था. वह किसी भी सत्ता पक्ष के नेता ने नही किया है. हां मुझे अपने समाजवादी साथियों पर फक्र जरूर है, जिन्होंने संकट के समय अपनी परवाह किये बिना जो काम उन्होने किया है उनको लोकभारत के माध्यम से बार बार धन्यवाद देता हूँ. औऱ मुझे गर्व होता है की हमारी पार्टी में ऐसे साथी है जिन्होंने अपनी परवाह ना करते हुए बेहतर सेवा करने का प्रयास किया है. एक बार फिर उन सभी पार्टी के सच्चे सिपाहियों का मै दिल की गहराइयों से धन्यवाद करता हूँ.