सुशांत सिंह मामले में एकतरफा मीडिया ट्रायल के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे पूर्व पुलिस अधिकारी
नई दिल्ली। सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस में जांच कर रही सीबीआई की तरफ से अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई बयान नहीं आया है। इसके बावजूद मीडिया अपने स्तर से सुशांत सिंह राजपूत केस में लगातार कड़ी जोड़ने की कोशिश कर रहा है।
इतना ही नहीं कई न्यूज़ चैनलों ने व्हाट्सएप चैट का ज़िक्र कर चैट के स्क्रीन शॉट भी दिखाए हैं और सूत्रों के हवाले से कई दावे किये हैं लेकिन यहाँ अहम सवाल व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट की सत्यता को लेकर है। सवाल यह भी है कि आखिर ऐसा शख्स कौन है जो सीबीआई से आगे चल रहा है और चैट के स्क्रीनशॉट मीडिया में बांट रहा है।
हालांकि हाल ही में कई चैनलों को दिए गए अपने इंटरव्यू में रिया चक्रवर्ती ने व्हाट्सएप चैट के स्क्रीन शॉट में दर्शाई गई चैट को खारिज कर दिया था। इसके बावजूद भी मीडिया अभी भी व्हाट्सएप चैट के स्क्रीन शॉट का हवाला देते हुए एकतरफा ख़बरें दिखा रहा है, जबकि खुद चैनलों पर बैठकर खबर परोसने वाले एंकर अपने चैनल पर दिखाए जा रहे व्हाट्सएप चैट के स्क्रीन शॉट की सत्यता की पुष्टि नहीं कर रहे हैं।
हाईकोर्ट पहुंचा मामला:
वहीँ मीडिया द्वारा एकतरफा किये जा रहे ट्रायल में मुंबई पुलिस को निशाना बनाये जाने के खिलाफ काई पूर्व पुलिस अधिकारीयों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जांच के दौरान मीडिया द्वारा किये जा रहे ट्रायल पर रोक लगाने की मांग की।याचिकाकर्ताओं में पूर्व पुलिस महानिदेशक एमएन सिंह, पीएस पसरीचा, के सुब्रमण्यम, डी शिवनंदन, संजीव जयाल और सतीश माथुर, पूर्व अतिरिक्त डीजीपी केपी रघुवंशी और पूर्व मुंबई पिलिस कमिश्नर डीएन जाधव शामिल हैं। वहीँ इसी मामले को लेकर दूसरी याचिका फिल्मकार नीलेश नवलखा और दो अन्य कथित सामाजिक कार्यकर्ताओं ने दायर की है।
गुरूवार को सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि मीडिया को इस तरह मामले की रिपोर्टिंग करनी चाहिए कि इससे जांच प्रभावित न हो। बॉम्बे हाईकोर्ट की न्यायाधीश एए सैयद और एसपी तवाड़े की पीठ ने कहा कि ‘हम मीडिया से आग्रह और उम्मीद करते हैं कि वह जांच से संबंधित किसी जानकारी की रिपोर्टिंग करने से पहले या प्रकाशन करने से पहले संयम बरतेंगे और इस तरह रिपोर्टिंग करेंगे जिससे जांच में बाधा न आए।’ अदालत ने सुनवाई से पहले यह भी कहा कि वह जानना चाहेगी कि केंद्र सरकार और सीबीआई का इस मामले में क्या कहना है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मीडिया ट्रायल को लेकर दायर की गई इन याचिकाओं पर अगली सुनवाई की तारीख 10 सितंबर निर्धारित की है। अगली सुनवाई में सुशांत की मौत के मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई, समाचार चैनल, मीडिया संस्थान और सूचना और प्रसारण मंत्रालय को भी पक्ष रखने के लिए कहा गया है।