CAA पर पूर्व चीफ जस्टिस ने कहा ‘मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित, जजों पर करें विश्वास’
नई दिल्ली। नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच सुप्रीमकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा है कि नागरिकता कानून को लेकर मामला सुप्रीमकोर्ट में लंबित है। देश के लोगों को सुप्रीमकोर्ट के जजों पर भरोसा रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश की एकता और अखंडता का सम्मान करना सबसे महत्वपूर्ण मौलिक कर्तव्य है। पूर्व चीफ जस्टिस ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून पर बहुत प्रदर्शन हुए हैं।
जस्टिस गोगोई ने कहा कि सीएए का मुद्दा देश के सामने है। इसका संवैधानिक रास्ते से समाधान होना चाहिए। यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। मैं यही कहना चाहूंगा कि लोग जजों पर भरोसा रखें।
उन्होंने कहा कि नागरिकों का मौलिक कर्तव्य है कि वे देश की एकता और अखंडता का सम्मान करें। उन्होंने कहा, ‘मैं छात्रों से अपील करता हूं कि वे न्यायपालिका के बारे में सोचें। जब तक न्यायपालिका आजाद और निर्भीक है, हमारा देश आगे बढ़ता रहेगा।’
जस्टिस गोगोई ने कहा कि सीएए का विरोध मेरे राज्य असम से शुरू हुआ। जब मैं रिटायर होकर गुवाहाटी पहुंचा, वहां पांच दिनों तक इसका विरोध देखा। इसका नेतृत्व छात्र संगठन कर रहे थे। पांचवें दिन शाम पांच बजे उन्होंने प्रदर्शन रोकने की घोषणा की। छठे दिन के बाद कोई हिंसा नहीं हुई। मैं देश में छात्र संगठनों की ओर से रचनात्मक भूमिका निभाने की उम्मीद करता हूं।
गोगोई ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून एक मुद्दा है। आपका भी इस पर नजरिया हो सकता है और मेरा भी इस पर दृष्टिकोण है। हो सकता है कि इस कानून को लेकर हमारे विचार आपसे मेल नहीं खाएं। उन्होंने कहा कि मेरे पास अपना दृष्टिकोण रखने के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, आपके पास भी अपना विचार रखने के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है. लेकिन, समाधान संवैधानिक दायरे में ही होना चाहिए।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में सीएए को लेकर 143 याचिका दायर हो चुकी हैं। कोर्ट ने 22 जनवरी को सरकार से सभी याचिकाओं पर जवाब मांगा था। अटॉर्नी जनरल ने इसके लिए कोर्ट से 6 हफ्ते का समय मांगा था। सीएए के विरोध वाली याचिकाओं पर सरकार का जवाब मिलने के बाद ही कोई अंतरिम आदेश जारी होगा। अब सीएए की संवैधानिकता पर 5 जजों की संविधान पीठ सुनवाई करेगी।