पूर्व नौकरशाहो का राज्यों के सीएम को पत्र: मुसलमानो के प्रति नज़रिया बदलने की ज़रूरत

पूर्व नौकरशाहो का राज्यों के सीएम को पत्र: मुसलमानो के प्रति नज़रिया बदलने की ज़रूरत

नई दिल्ली। देश के पूर्व नौकरशाहों की संस्था कॉन्स्टीट्यूशन कंडक्ट ग्रुप ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशो के उप राज्यपाल को पत्र लिखकर मुसलमानो के खिलाफ नफरत भड़काने की साजिश का हवाला देते हुए नफरत फैलाने वालो के खिलाफ सख्त कार्रवाही की मांग की है।

प्रदेश के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित राज्यों के उपराज्यपालो को लिखे पत्र में पूर्व नौकरशाहों ने कहा कि देश में कोरोना संक्रमण फैलने के लिए बिना किसी ठोस कारण के मुसलमानो को ज़िम्मेदार ठहराना और उनके साथ अमानवीय व्यवहार और भेदभाव किया जाना बेहद निदनीय है।

पत्र में हाल के घटनाक्रमों पर चिंता जताते हुए कहा कि हमें अपनी गैर-भेदभावपूर्ण कार्रवाई और राहत उपायों के माध्यम से यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अल्पसंख्यकों को भारत में डरने की कोई बात नहीं है।

पत्र में देश के कुछ हिस्सों में मुसलमानो को कथित तौर पर बदनाम किये जाने की साजिश पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि देश के कुछ हिस्सों में फलों और सब्जियों पर मुस्लिम विक्रेताओं की थूकते हुए नकली वीडियो क्लिप जानबूझकर वायरल हुई, जिससे यह लगता है कि कथित तौर पर कोविड-19 के मामले बढ़ाने में इनकी भूमिका रही है।

पत्र में पूर्व नौकरशाहो ने लिखा कि ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें सब्जी विक्रेताओं से उनके धर्म के बारे में पूछा गया है और जब वे मुस्लिम का उल्लेख करते हैं तो उन पर हमला तक किया गया है। इस समय सोशल मीडिया पर ऐसी घटनाएं चल रही हैं। महामारी में भय और असुरक्षा को लेकर मुस्लिम समुदाय को सार्वजनिक जगहों से दूर रहने के लिए कहा गया है।

पत्र में देश में मुसलमानो को निशाना बनाने और उनके साथ भेदभाव की कई घटनाओं का ज़िक्र करते हुए कहा गया है कि कई जगह मुस्लिम नाम बताये जाने के बाद मुसलमानो पर हमले की घटनाएं हुई हैं। देश के विभिन्न स्थानों पर अस्पतालों और स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में मुस्लिमों के साथ भेदभाव की खबरें परेशान करने वाली हैं।

पत्र में कहा गया है कि देश के पूर्व नाकरशाहो ने पत्र में लिखा कि पूरा देश अभूतपूर्व आघात से गुजर रहा है। हम उन चुनौतियों को सहन कर सकते हैं, उनसे बच सकते हैं और उन पर काबू पा सकते हैं, जिन्होंने इस महामारी में एक दूसरे को सहयोग और मदद करने के लिए मजबूर किया है। हम उन मुख्यमंत्रियों की सराहना करते हैं, जो महामारी के मामले में सामान्य तौर पर और विशेष रूप से अपने दृष्टिकोण में बिल्कुल धर्मनिरपेक्ष रहे हैं।

पत्र में दूसरे देशो में काम करने वाले भारतीयों का ज़िक्र करते हुए कहा गया है कि हमें याद रखना चाहिए कि पारंपरिक रूप से भारत ने मुस्लिम देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखे हैं और उन्हें उनके दोस्त के रूप में देखा गया है। हमारे लाखों नागरिक इन देशों में रहते हैं और काम करते हैं।

इतना ही नहीं पत्र में कहा गया है कि हाल के घटनाक्रमों को लेकर इन देशों में गंभीर चिंता व्यक्त की गई है। हमें अपनी गैर-भेदभावपूर्ण कार्रवाई और राहत उपायों के माध्यम से यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अल्पसंख्यकों को भारत में डरने की कोई बात नहीं है। यह इन देशों की गलतफहमी को दूर करने में मदद करेगा और वह प्रवासी भारतीयों के लिए अहम होगा।

पत्र में राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशो के उपराज्यपाल को संबोधित करते हुए कहा गया है कि राज्य में किसी भी समुदाय के सामाजिक बहिष्कार को रोकने के लिए सभी सार्वजनिक पदाधिकारियों को विशेष रूप से सतर्क रहने, और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाए कि चिकित्सा और अस्पताल की देखभाल, राशन और वित्तीय सहायता सहित सभी पात्रताएं उन सभी के लिए, बिना किसी भेदभाव के, समान रूप से उपलब्ध हाें, जो जरूरतमंद हैं।

पूर्व नौकरशाहों ने लिखा कि हम आपका आह्वान करते हैं कि आप अपने राज्य के सभी लोगों को आश्वस्त करें कि वे सोशल डिस्टेंसिंग, चेहरा ढंकने और हाथ धोने के संबंध में सभी निर्देशों और नियमाें का पालन करके ही कोविड-19 से खुद काे सुरक्षित रख सकते हैं।

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TeamDigital