पड़ताल: सरकार या दिल्ली पुलिस की तरफ से अज़ान रोकने का कोई आदेश नहीं हुआ जारी
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नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में दो पुलिसकर्मी महिलाओं से बातचीत में मस्जिद में अज़ान पर रोक होने की बात कहते हैं। महिलाएं पूछती हैं तो पुलिसकर्मी कहते हैं कि दिल्ली के एलजी (उपराज्यपाल) का आदेश है कि मस्जिदों में अज़ान नहीं होगी।
इस पर महिलाएं विरोध जताते हुए कहती हैं कि ऐसा कोई आदेश नहीं है। मस्जिदों में नमाज़ नहीं होने की बात है। अज़ान रोके जाने को लेकर कोई बात अभी न्यूज़ में नहीं आई। महिलाएं सवाल भी करती हैं कि क्या अज़ान से कोरोना फ़ैल सकता है।
महिलाएं पुलिसकर्मियों से आदेश की कॉपी दिखाने को कहती हैं। इस पर पुलिसकर्मी महिलाओं को प्रेमनगर थाना आकर आदेश की कॉपी देखने की कहते हैं। यह वीडियो वायरल हुआ तो लोगों में सस्पेंस पैदा हुआ।
दावा किया जा रहा था कि यह वीडियो मुस्तुफाबाद का है, जो अभी हाल ही में दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगो की भेंट चढ़ गया था। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह वीडियो मुस्तफबाद का नहीं बल्कि रोहिणी इलाके का है।
इस मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और दिल्ली पुलिस की तरफ से ट्वीट कर कहा गया कि दिल्ली में मस्जिदों में अज़ान देने पर पाबंदी का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा कि ‘अजान के लिए कोई पाबंदी नहीं है. लॉकडाउन में मस्जिदों में नमाज़ के लिए इकट्ठा होने या किसी अन्य धार्मिक स्थल पर पूजा आदि के लिए लोगों के इकट्ठा होने पर पूरी तरह पाबंदी है।’
वहीँ दिल्ली पुलिस की तरफ से किये गए ट्वीट में कहा गया कि ‘रमज़ान का पाक महीना 25 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है। इस दौरान रोज़ा और प्रार्थना (अज़ान) को ध्यान में रखते हुए हम ये उम्मीद करते हैं कि सभी लोग गाइडलाइन के तहत लॉकडाउन का पालन करें। एनजीटी के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए अज़ान की जा सकती है। विनम्र निवेदन है कि लोग घर पर रहकर ही नमाज़ अदा करें और सहरी करें। कोरोना वायरस की महामारी से लड़ने के लिए सब एकजुट होकर गाइडलाइन का पालन करें।’
वहीँ बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक रोहिणी के डिप्टी पुलिस कमिश्नर एसडी मिश्रा ने बताया कि ‘दरअसल उस कॉन्स्टेबल को अज़ान और नमाज़ के बीच का फ़र्क़ समझ नहीं आया और उसने ग़लत दावा कर दिया।’