NPR की प्रक्रिया के कार्यान्वयन के खिलाफ दिल्ली विधानसभा में प्रस्ताव पारित
नई दिल्ली। दिल्ली में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) गणना की प्रक्रिया के कार्यान्वयन के खिलाफ दिल्ली विधानसभा में आज प्रस्ताव पारित हो गया। दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, ‘मैं केंद्र से नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिज़न (एनआरसी) वापस लेने का आग्रह करता हूं।’
इससे पहले आज दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हुआ। सत्ता पक्ष ने राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी), राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीकरण (एनपीआर) और कोरोना वायरस की स्थिति पर चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाया है।
सदन की शुरुआत के साथ ही कैबिनेट मंत्री गोपाल राय राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार चाहती है कि 2010 के प्रारूप के अनुसार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर संचालित किया जाए।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि वो लोग अब कह रहे हैं कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी अलग है, लेकिन असम में जो हुआ उसको लेकर देश में चिंता है।
केन्द्र पर निशाना साधते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब कह रहे हैं कि सीएए अलग है, एनपीआर अलग है और एनआरसी अलग है. आपके कहने से थोड़ी ही होगा. असम में जो हुआ उसको लेकर देश में चिंता है।
देश के गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में दिए गए जवाब का जिक्र करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा, “कल का उनका जो स्टेटमेंट है उसमें उन्होंने कहा है कि एनपीआर के लिए डॉक्यूमेंट नहीं मांगे जाएंगे। उन्होंने ये नहीं कहा कि एनआरसी में डॉक्यूमेंट नहीं मांगे जाएंगे। एनआरसी में तो डॉक्यूमेंट मांगे जाएंगे। एनआरसी में कौन से डॉक्यूमेंट मांगे जाएंगे इस पर भी गृह मंत्री जी का स्टेटमेंट है।”
आम आदमी पार्टी (आप) ने पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर दिया था कि वह एनआरसी के खिलाफ है, पार्टी का कहना है कि देश का ध्यान अर्थव्यवस्था और रोजगार पर होना चाहिए।
गौरतलब है कि केरल, तेलंगाना, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य पहले ही एनपीआर का विरोध कर रहे हैं। इन राज्यों की सरकारों का कहना है कि एनपीआर पुराने 2010 वाले पैटर्न पर ही होनी चाहिए।