चीन के मामले पर सरगर्मियां तेज, रक्षा मंत्री ने की अहम बैठक, विपक्ष ने सरकार को घेरा
नई दिल्ली। आज लदाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ ‘हिंसक टकराव’ के बाद दिल्ली में सरगर्मियां तेज हो गई हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक दिन में दो बार विदेश मंत्री एस. जयशंकर, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और भारतीय सेना के प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे के साथ समीक्षा बैठकें की हैं।
भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे को आज सुबह कश्मीर जाना था लेकिन सोमवार की रात को एलएसी पर यह घटना होने के बाद उन्होंने अपना दौरा रद्द कर दिया है।
सरकार की तरफ से चीनी सैनिको के साथ झड़प में सेना के एक अफसर और दो सैनिको के शहीद होने की पुष्टि की गई थी। वहीँ पीटीआई न्यूज़ के मुताबिक लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिको के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिको के शहीद होने की बात कही गई है।
Indian Army says a total of 20 Indian soldiers have died in Ladakh's Galwan Valley
— Press Trust of India (@PTI_News) June 16, 2020
चीनी सैनिको के साथ भारतीय सैनिको की हिंसक झड़प के बाद विपक्ष ने सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है। विपक्ष का कहना है कि सरकार पारदर्शिता के साथ देश को बताये कि सीमा पर चीन के साथ क्या चल रहा है और अब क्या स्थति है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘यह गंभीर राष्ट्रीय चिंता का विषय है क्योंकि इसका राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। सरकार को तत्काल देश को विश्वास में लेना चाहिए। संसदीय लोकतंत्र में सरकार से उम्मीद की जाती है कि वह राजनीतिक दलों को जमीनी स्थिति के बारे में जानकारी दे।
पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने गलवान से आ रही रिपोर्ट को परेशान करने वाला बताया है। उन्होंने सवाल किया कि डे-एस्केलेशन की प्रक्रिया के दौरान हमारे सैनिकों ने जान क्यों गंवाई? राष्ट्र हित में प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को चीन के साथ सीमा विवाद की स्पष्ट तस्वीर देश के सामने पेश करनी चाहिए।
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट करके रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से जवाब मांगा है। सुरजेवाला ने ट्वीट में लिखा है, “चौंकाने वाला, भयावह और अस्वीकार्य, क्या रक्षा मंत्री पुष्टि करेंगे?” भारत की ‘सुरक्षा व क्षेत्रीय अखंडता’ से कोई समझौता स्वीकार नहीं किया जा सकता।”
उन्होंने पूछा है कि “इस घटना में कितने जवानों की मौत हुई है और कितने घायल हुए हैं? सोमवार की रात हुई घटना का बयान मंगलवार को क्यों जारी किया गया? पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सामने आकर क्यों नहीं बताते कि चीन ने कितनी ज़मीन पर अवैध क़ब्ज़ा किया है और राष्ट्रीय सुरक्षा एवं क्षेत्रीय अखंडता की इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए भारत सरकार की क्या नीति है?”
वहीँ एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी ट्वीट कर सरकार से सवाल किया है कि ‘अगर ये हुआ है तो सरकार को तुरंत सफाई देनी चाहिए और देश को मामले की सच्चाई बताना चाहिए। ओवैसी ने कहा कि बॉर्डर पर कमांडिंग ऑफिसर सामने से अगुवाई कर रहे थे और सरकार को इनकी शहादत का बदला लेना चाहिए. साथ ही सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका बलिदान व्यर्थ ना जाए।’