बंगाल में ममता को न पहुंचे नुकसान, इसलिए कांग्रेस ने ख़ामोशी से बदली रणनीति
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नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में हो रहे विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार तय करने के लिए कांग्रेस ने ख़ामोशी से अपनी रणनीति बदली है। बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने की अपनी मुहिम के तहत पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के कहने पर पार्टी ने अपनी चुनावी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के सहयोगी दलों राष्ट्रीय जनता दल, झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी के समर्थन का एलान किया है। इतना ही नहीं शरद पवार, तेजस्वी यादव, अखिलेश यादव और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी के पक्ष में प्रचार भी करेंगे।
सूत्रों ने कहा कि पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी की एंट्री रोकने के लिए पार्टी ने पूरा चुनाव राज्य कांग्रेस पर छोड़ दिया है। इतना ही नहीं गांधी परिवार ने भी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से दूरी बना ली है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी सहित पार्टी के बड़े नेता केरल, असम और तमिलनाडु में दौरे कर चुके हैं लेकिन पश्चिम बंगाल जाने से परहेज किया।
जब सूत्रों से पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की स्टार प्रचारकों की लिस्ट के बारे में पूछा गया तो सूत्रों ने कहा कि स्टार प्रचारकों की लिस्ट एक औपचारिकता होती है, जो हर चुनाव में जारी की जाती है।
सूत्रों ने कहा कि ज़्यादा से ज़्यादा यही होगा कि पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह सहित पार्टी के कद्दावर नेता औपचारिकता पूरी करने के लिए डिजिटल रैली को संबोधित करें या मतदाताओं के नाम पत्र लिखकर अपील करें।
सूत्रों ने कहा कि पार्टी ने अपनी रणनीति में बदलाव इसलिए भी किया है क्यों कि पार्टी नहीं चाहती कि पश्चिम बंगाल में सेकुलर वोटों के विभाजन का लाभ बीजेपी को मिले और ममता की पराजय का ठीकरा कांग्रेस के ऊपर फोड़ा जाए।
सूत्रों ने कहा कि पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में पार्टी के रणनीति बदलने के पीछे पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी संबंध हैं। सूत्रों ने कहा कि पिछले दिनों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच कई बार फोन पर बात हो चुकी हैं। इतना ही नहीं नंदीग्राम हादसे के बाद सोनिया गांधी फोन पर ममता बनर्जी का हाल चाल भी पूछती रही हैं।
सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने भी हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से फोन पर पश्चिम बंगाल चुनाव को लेकर बातचीत की है। माना जा रहा है कि शरद पवार ने सोनिया गांधी से बातचीत में सेकुलर वोटों का विभाजन रोकने की बात कही थी। इसके बाद ही पार्टी ने अपनी रणनीति बदली है।
गौरतलब है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने सोमवार को कहा था कि जिन पांच राज्यो में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, उनमे से चार राज्यों में बीजेपी की हार तय है। हालांकि पवार ने यह भी कहा कि शायद असम में बीजेपी एक बार फिर सत्ता में लौट सकती है।
वहीँ सूत्रों की माने तो कांग्रेस के सहयोगी दलों के अलावा पार्टी के भी कुछ वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी की एंट्री रोकने के लिए विपक्ष को एकजुट होना ज़रूरी है।
सूत्रों ने कहा कि पार्टी पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और वामपंथियों के बीच फंस गई है। राज्य में कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चोधरी ममता बनर्जी के घोर विरोधी माने जाते हैं और उन्ही की जिद्द पर तृणमूल कांग्रेस की जगह वामदलों के साथ गठबंधन किया गया है।
सूत्रों ने कहा कि ममता और वामपंथियों से अच्छे संबंध बरकरार रखते हुए पार्टी ने बीच का रास्ता निकाला है। पार्टी सिर्फ उन्ही सीटों पर मेहनत करेगी, जो उसने पिछले चुनाव में जीती थीं। इसके अलावा जिन सीटों पर बीजेपी बहुत मजबूत हैं, उन सीटों पर जातीय समीकरणों को ध्यान में रखकर टिकिट दिए गए हैं, जिससे ममता बनर्जी की जगह नुक्सान बीजेपी को पहुंचे।