गड़बड़झाला: यात्री ट्रेनों का संचालन रद्द फिर भी रेलवे ने कर ली 39 लाख टिकटों की बुकिंग
नई दिल्ली। देश में जारी लॉकडाउन के बीच सभी यात्री ट्रेनों का संचालन रद्द रखा गया है और लॉकडाउन खुलने तक किसी भी यात्री ट्रेन के संचालन की अनुमति नहीं है। यह बात रेल मंत्रालय भी स्वयं कह चुका है।
ट्रेनों के संचालन बंद होने के बाद भी भारतीय रेलवे द्वारा टिकटों की बुकिंग किये जाने की बड़ी गड़बड़झाला सामने आयी है। लॉकडाउन में सभी यात्री ट्रेन बंद होने के बावजूद भारतीय रेलवे ने करीब 39 लाख टिकटों की बुकिंग स्वीकार की है।
लॉकडाउन की अवधि में ट्रेनों के रिज़र्वेशन बुकिंग स्वीकार किये जाने को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस ने रेल मंत्रालय को कटघरे में खड़ा किया है। अहम सवाल यही है कि जब ट्रेने नहीं चल रहीं तो आखिर बुकिंग किये जाने का उद्देश्य क्या है।
लॉकडाउन के दौरान मंगलवार को मुंबई के बांद्रा स्टेशन के बाहर जमा हुई हज़ारो लोगों की भीड़ के मामले में रेलवे की गड़बड़झाला भी सामने आई है। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने कल बांद्रा मामले को केंद्र सरकार की बड़ी नाकामी बताया था। वहीँ आज इस मामले में कांग्रेस ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और उद्धव सरकार में मंत्री अशोक चव्हाण ने कल हुई बांद्रा की घटना को राजनैतिक षड्यंत्र करार दिया। उन्होंने कहा कि इस घटना से पहले सोशल मीडिया पर बाकायदा पूरा अभियान चलाया गया था, अफवाह उड़ाई गई थी कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाया जाने वाला है। उन्होंने लॉकडाउन के दौरान रेलवे द्वारा बड़ी तादाद में टिकिटों की बुकिंग को लेकर भी सवाल उठाये।
कांग्रेस ने सीधे सीधे रेल मंत्री से सवाल किया कि “रेलवे द्वारा आखिर 39 लाख टिकटों की बुकिंग क्यों की गई। क्या रेल मंत्रालय लॉकडाउन बढ़ने की सम्भावना से अनजान था।”
कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए लिखा कि रेलवे केंद्र सरकार के अधीन है। रेलवे ने 15 अप्रैल से 3 अप्रैल के बीच लगभग 39 लाख टिकट बुक कर लिए थे। क्या मोदी जी ने रेल मंत्रालय को नहीं बताया था कि लॉकडाउन बढ़ने वाला है। हर बार योजना विहीन पीएम साहब लेकिन गलती भुगतें मजदूर।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी बांद्रा की घटना पर ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘आख़िर हर बार हर विपत्ति गरीबों और मजदूरों पर ही क्यों टूटती है? उनकी स्थिति को ध्यान में रखकर फैसले क्यों नहीं लिए जाते? उन्हें भगवान भरोसे क्यों छोड़ दिया जाता है?”
उन्होंने कहा कि “लॉकडाउन के दौरान रेलवे टिकटों की बुकिंग क्यों जारी थी? स्पेशल ट्रेनों का इंतजाम क्यों नहीं किया गया? उनके पैसे खत्म हो रहे हैं, स्टॉक का राशन खत्म हो रहा है, वे असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. जिसके कारण वह अपने घर-गांव जाना चाहते हैं। इसकी व्यवस्था होनी चाहिए थी। अभी भी सही प्लानिंग के साथ इनकी मदद की व्यवस्था की जा सकती है। मजदूर इस देश की रीढ़ की हड्डी हैं। नरेंद्र मोदी जी जी भगवान के लिए इनकी मदद कीजिए।”
वहीँ कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सरकार को सिर्फ जनता को उसकी जिम्मेदारी का अहसास नहीं कराना चाहिए, बल्कि अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन भी करना चाहिए।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘ मोदी जी, देश ने 21 दिन का लॉकडाउन माना। देश 20 दिन का लॉकडाउन भी मानेगा। पर नेतृत्व के मायने केवल देशवासियों को जिम्मेदारी का अहसास दिलाना नहीं बल्कि सरकार और शासक की जनता के प्रति जबाबदेही व जिम्मेदारी का निर्वहन भी है।’ उन्होंने सवाल किया, ‘ बातें बहुत हुईं पर कोरोना से लड़ने का रोडमैप क्या है? ‘