नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ राजघाट पर कांग्रेस का सत्याग्रह
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ आज दिल्ली में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट पर कांग्रेस का धरना शुरू हो गया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सहित पार्टी के कई दिग्गज राजघाट पहुँच चुके हैं।
पूर्व पीएम डा मनमोहन सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री ए के एंटनी, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल धरना स्थल पर पहुँच चुके हैं।
इससे पहले धरने को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर लोगों से धरने में शामिल होने की अपील की।
राहुल गांधी ने अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से कहा है कि, ‘प्रिय छात्रों और युवाओं, क्या यह काफी नहीं है कि हम भारत की अनुभूति करें। यह वह समय है जब आपको दिखाना होगा कि आप नफरत के जरिये देश को बर्बाद होने देंगे या नहीं होने देंगे।’
राहुल गांधी ने कहा कि ‘राजघाट पर दिन में तीन बजे मेरे साथ सत्याग्रह में शामिल होइए, ताकि मोदी-शाह की ओर से शुरू की गई नफरत और हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन किया जाए।’
वहीँ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि ‘यह देश एक साझा रिश्ता है, साझा ख्वाब है। इस मिट्टी को हमने मेहनतों के रंग से सींचा है। संविधान हमारी शक्ति है।’
उन्होंने कहा, ‘देश को ‘फूट डालो और राज करो’ की राजनीति से बचाना है। आइए, आज दोपहर 3 बजे से बापू की समाधि राजघाट पर मेरे साथ संविधान पाठ का हिस्सा बनिए।’
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने विपक्ष पर अल्पसंख्यको को भड़काने का आरोप लगाया था। पीएम मोदी ने कहा था कि एनआरसी को लेकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि अभी तक एनआरसी को लेकर कहीं भी कोई चर्चा तक नही हुई है इसके बावजूद विपक्ष इस मुद्दे पर भ्रम कोई स्थति पीड़ा कर रहा है। पीएम मोदी के इस बयान के जबाव में कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा था कि एनआरसी को लेकर उनके गृहमंत्री अमित शाह ही अपने बयानों से भ्रम की स्थति पैदा कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में जब से केंद्र में सरकार बनी है तब से अब तक कभी एनआरसी को लेकर कहीं कोई चर्चा नहीं हुई। हमने सुप्रीमकोर्ट के निर्देश का पालन करने के लिए एनआरसी को सिर्फ असम में लागू किया। विपक्ष ने इस मुद्दे पर भ्रम फैलाया है।
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा कि गृह मंत्री संसद के दोनों सदनों में बयान दिया कि देश में नए नागरिकता कानून के बाद एनआरसी लागू की जाएगी। इससे देश में भय और अनिश्चितता का माहौल बना। मौजूदा माहौल के लिए सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है।
उन्होंने कहा कि पूरे देश में नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शनों को देखते हुए प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय एकता परिषद में सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलानी चाहिए और लोगों की शांत करने का प्रयास करना चाहिए। अगर पीएम संवेदनशील है तो वे ऐसा ही करेंगे।