राजस्थान में भी होने वाला था मध्य प्रदेश जैसा खेल, देर रात गहलोत ने कर दिया विफल

राजस्थान में भी होने वाला था मध्य प्रदेश जैसा खेल, देर रात गहलोत ने कर दिया विफल

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की तर्ज पर राजस्थान में भी कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के लिए बीजेपी ने दांव चला था लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की सूझबूझ से बीजेपी का दांव विफल हो गया।

सूत्रों की माने तो राजस्थान के कई निर्दलीय और कांग्रेस और बसपा के विधायकों से बीजेपी ने सम्पर्क साधा था। विधायकों को इस्तीफा देकर घर बैठने के लिए प्रलोभन भी दिया गया लेकिन मंगलवार देर रात को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक ये खबर पहुंच गई और उन्होंने तुरंत उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट से इस बारे में बातचीत की।

सूत्रों के मुताबिक देर रात ही सभी विधायकों से संपर्क साधा गया और उनसे बातचीत की गई। सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बहुजन समाज पार्टी के 06 और 13 निर्दलीय विधायकों से देर रात फोन पर बात कर बीजेपी के षड्यंत्र की जानकारी जुटाई।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को बताया कि “मध्यप्रदेश वाला खेल ही यहां खेला जा रहा था,हमारे विधायक बहुत समझदार हैं। उनको खूब लालच-लोभ देने की कोशिश की गई। मुझे गर्व इस बात का है कि हमारे साथ BSP के 6 और 13 निर्दलीय विधायक आए हैं। हिन्दुस्तान के इतिहास में राजस्थान पहला ऐसा राज्य है जहां एक रुपये का सौदा नहीं हुआ।”

सूत्रों की माने तो बीजेपी षड्यंत्र का पर्दाफाश होने की जानकारी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को दे दी गई है और कांग्रेस विधायकों और गहलोत सरकार का समर्थन कर रहे निर्दलीय तथा बसपा विधायकों की चौकसी बढ़ा दी गई है।

विधानसभा में मुख्य सचेतक महेश जोशी ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में शिकायत दर्ज कराई है कि राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए कांग्रेस व उसके समर्थक निर्दलीय विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा है।

जोशी ने एसीबी के महानिदेशक को भेजी शिकायत में कहा है, ”अति विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली है कि कर्नाटक, मध्य प्रदेश व गुजरात की तर्ज पर राजस्थान में भी हमारे विधायकों व हमारा समर्थन कर रहे निर्दलीय विधायकों को भारी प्रलोभन देकर राज्य की लोकतांत्रिक तौर से चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है।’

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद राज्य की कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी और कमलनाथ को इस्तीफा देना पड़ा था। वहीँ गुजरात में हाल ही में कांग्रेस के 8 विधायकों के इस्तीफे के बाद राज्य में पार्टी का राज्यसभा की दो सीटें जीतने का गणित गड़बड़ा गया है।

विधायकों से इस्तीफा दिलवा कर सत्ता पर कब्ज़े करने की बीजेपी की यह दास्तां नई नहीं है। कर्णाटक में भी कांग्रेस और जेडीएस के 17 विधायकों के इस्तीफे के बाद राज्य की कुमार स्वामी सरकार अल्पमत में आ गई थी और कांग्रेस-जेडीएस सरकार को गिराने के बाद बीजेपी ने राज्य में अपनी सरकार बना ली।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital