शीतकालीन सत्र के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने अपने सांसदों को जारी किया व्हिप

शीतकालीन सत्र के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने अपने सांसदों को जारी किया व्हिप

नई दिल्ली। 29 नवंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र के लिए कांग्रेस और बीजेपी ने अपने सांसदों को व्हिप जारी किया है। कांग्रेस ने अपने लोकसभा सांसदों और बीजेपी ने अपने राज्य सभा सांसदों को व्हिप जारी किया है।

कांग्रेस द्वारा जारी किये गए तीन लाइन के व्हिप में अपने लोकसभा सांसदों से शीतकालीन सत्र शुरू होने पर सदन में उपस्थित रहने तथा पार्टी के रुख का समर्थन करने के लिए कहा गया है।

वहीँ बीजेपी ने भी गुरुवार को अपने राज्‍यसभा सांसदों के लिए तीन लाइन का व्‍हिप जारी करके उन्‍हें 29 नवंबर को सदन में उपस्थित रहने का निर्देश दिया था। माना जा रहा है कि शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन सरकार तीन कृषि कानूनों को निरस्‍त करने वाला विधेयक पेश कर सकती है।

23 दिसंबर तक चलने वाले संसद के शीतकालीन सत्र को कई मायनो में अहम माना जा रहा है। अहम बात यह है कि पांच राज्यों में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यह आखिरी सत्र होगा।

विपक्ष के पास सरकार के खिलाफ कई बड़े मुद्दे हैं। इनमे महंगाई, ईंधन की कीमतों में वृद्धि, खाद्य तेल की कीमतों में वृद्धि, कश्मीर में आम लोगों पर आतंकवादियों के हमले, किसानों की जान लेने वाली लखीमपुर खीरी हिंसा तथा कृषि कानूनों की वापसी शामिल हैं। शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष इन्ही तीरो से सरकार को घेरने की कोशिश करेगा।

शीतकालीन सत्र से पहले इस वर्ष हुए मानसून सत्र के दौरान पेगासस के मुद्दे पर ससंद की कार्यवाही काफी बाधित रही थी। मानसून सत्र के दौरान विपक्ष ने पेगासस जासूसी मुद्दे पर जवाब मांगा था और तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की थी।

वहीँ माना जा रहा है कि शीतकालीन सत्र के दौरान भी विपक्ष अपने कड़े तेवरों से पेश आएगा और तीन कृषि कानून रद्द होने के बाद किसानो के समर्थन में एमएसपी पर कानून की मांग कर सकता है। इसके अलावा विपक्ष मंहगाई और चीन के भारतीय सीमा में अतिक्रमण वाली पेंटागन रिपोर्ट पर भी सरकार से जबाव दिए जाने की मांग संसद में कर सकता है।

शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में किन मुद्दों को उठाया जाना है, इसके लिए कल कांग्रेस संसदीय दल की बैठक हुई थी। राज्य सभा विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़के ने शुक्रवार को कहा कि चुनाव में अलग-अलग पार्टियों के विचार अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन सदन में लोगों के मुद्दों को उठाने के लिए हम एकजुट होकर लड़ना चाहते हैं और इसके बारे में बहुत लोगों ने सहमति दिखाई है।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital