संसद पहुंचे पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने अर्थव्यवस्था पर पीएम मोदी की ख़ामोशी पर उठाये सवाल
नई दिल्ली। जेल से रिहा होने के अगले ही दिन पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम आज संसद पहुंचे। चिदंबरम ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार उनकी आवाज़ नहीं दबा सकती।
चिदंबरम ने देश की अर्थव्यवस्था को जर्जर करार देते हुए, ख़राब अर्थव्यवस्था पर पीएम नरेंद्र मोदी की ख़ामोशी को लेकर सवाल उठाये। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की हालत खराब है और प्रधानमंत्री मोदी इसपर कुछ नहीं बोल रहे हैं।
इससे पहले चिदंबरम ने प्याज की कीमतों को लेकर विपक्ष द्वारा संसद परिसर में आयोजित प्रदर्शन में भाग लिया और वे राज्यसभा की कार्यवाही में भी शामिल हुए।
पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि ‘मंत्री के रूप में मेरा रिकॉर्ड और विवेक बिल्कुल स्पष्ट है। जिन अधिकारियों ने मेरे साथ काम किया, जिन उद्योगपतियों ने मुझसे बातचीत की और जिन पत्रकारों ने मेरा अवलोकर किया। वह इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं।’
चिदंबरम ने कहा कि ‘जैसा ही कल रात आठ बजे बाहर निकलकर मैंने स्वतंत्रता की हवा में सांस ली तो सबसे पहले मैंने कश्मीर घाटी के 75 लाख लोगों के लिए प्रार्थना की जिनकी चार अगस्त, 2019 से स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगा हुआ है।’
उन्होंने कश्मीर में नज़रबंद नेताओं का मामला उठाते हुए कहा कि ‘मैं उन राजनेताओं को लेकर चिंतित हूं जिन्हें बिना किसी आरोप के गिरफ्तार किया गया है। स्वतंत्रता अविभाज्य है, यदि हमें अपनी स्वतंत्रता को संरक्षित करना है तो हमें उनकी स्वतंत्रता के लिए लड़ना चाहिए।’
अर्थव्यवस्था को लेकर पी चिदंबरम ने कहा कि ‘यदि इस साल के खत्म होने तक विकास दर 5 प्रतिशत को छू लेता है तो हम भाग्यशाली होंगे। कृपया डॉक्टर अरविंद सुब्रमण्यम की चेतावनी को याद रखिये कि इस सरकार के अतंर्गत पांच प्रतिशत विकास दर संदिग्ध कार्यप्रणाली के कारण हो सकती है। यह असल में पांच प्रतिशत नहीं है बल्कि 1.5 प्रतिशत कम है।
पीएम मोदी की ख़ामोशी पर सवाल उठाते हुए पी चिदंबरम ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री आमतौर पर अर्थव्यवस्था को लेकर चुप रहते हैं। उन्होंने इसे अपने मंत्रियों के ऊपर छोड़ दिया है कि वे झांसा दें। इसका परिणाम यह निकला कि जैसा अर्थशास्त्री ने कहा, यह है कि सरकार अर्थव्यवस्था की अक्षम प्रबंधक बन गई है।’