छत्तीसगढ़ सरकार ने किसान आंदोलन के सहयोग के लिए भेजे 53 टन चावल
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के सहयोग के लिए ‘एक रुपया, एक पैली धान’ अभियान में इकट्ठा किए गए 53 टन चावल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
दिल्ली में किसान आंदोलन में शामिल लोगों के सहयोग के लिए छत्तीसगढ़ में एनएसयूआई द्वारा ‘एक रुपया, एक पैली धान’ अभियान शुरू किया गया था। इस अभियान में कुल 53 टन चावल इकट्ठा हुए। इन चावलों को ट्रको में लादकर दिल्ली के लिए रवाना कर दिया गया है।
वहीँ दूसरी तरफ कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के 54वे दिन भी दिल्ली की सीमाओं पर हज़ारो की तादाद में किसान डेरा डाले हुए हैं। कड़ाके की सर्दी के बावजूद किसानो के हौसले बुलंद हैं और किसान संगठन 26 जनवरी को प्रस्तावित गणतंत्र दिवस परेड की तैयारियों में जुटे हैं।
26 जनवरी को आयोजित होने वाली किसानो की ट्रेक्टर परेड के लिए दूसरे राज्यों के किसानो का आना जारी है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश और उत्तराखंड से भी किसान अपने अपने ट्रेक्टर लेकर दिल्ली की तरफ चल पड़े हैं।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कल भी हम सरकार से बात करेंगे लेकिन उम्मीद नहीं है कि कुछ हल निकलेगा। 26 जनवरी को हम दिल्ली की आउटर रिंग रोड पर ट्रैक्टर रैली निकालेंगे, सरकार की जहां परेड होती है हम वहां नहीं जाएंगे।
किसानो ने शुरू की 26 जनवरी की तैयारी:
दिल्ली के सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और यूपी गेट पर 26 जनवरी को होने वाली किसान ट्रेक्टर परेड की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं। किसान संगठनों की संयुक्त समिति ने ट्रेक्टर परेड में शामिल होने के लिए कुछ शर्तें लगायी हैं। इनमे हर ट्रेक्टर पर राष्ट्रीय ध्वज के अलावा किसान संगठन का ध्वज लगा होना आवश्यक है।
इसके अलावा गणतंत्र दिवस की परेड की तरह ही किसान अपने ट्रेक्टरो पर झांकियां भी निकालेंगे। इसकी भी सिंघु बॉर्डर पर बड़ी तैयारी चल रही है। कृषि और किसानो से जुडी मूर्तियां लाई जा रही हैं और रैली में शामिल होने के लिए ट्रेक्टरो की साज सज्जा का काम भी चल रहा है।
सिंघु बॉर्डर पर एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि 26 जनवरी की परेड में अकेले पंजाब से ही करीब 10 हज़ार ट्रेक्टर शामिल होंगे। गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने के लिए किसानो ने दूर दर्ज से भी अपने ट्रेक्टरो के साथ दिल्ली आना शुरू कर दिया है।
किसान प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर रैली के लिए बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड से टिकरी बॉर्डर पहुंच गए हैं। न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए एक प्रदर्शनकारी ने बताया, “हम टिकरी बॉर्डर जा रहे हैं, टिकरी बॉर्डर पर ट्राली खड़ी करके हम 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड की तैयारी करेंगे।
कृषि राज्य मंत्री ने कांग्रेस और कम्युनिस्ट को बताया ज़िम्मेदार:
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने किसान आंदोलन के लिए कांग्रेस और वामपंथियों को ज़िम्मेदार बताया है। चौधरी ने कहा कि किसान यूनियन के कुछ नेता चाहते हैं कि इसका समाधान हो। अगर यूनियन से कम्युनिस्ट निकल जाएं तो कल इसका समाधान हो जाएगा। कम्युनिस्ट, कांग्रेस और कुछ राजनीतिक दल कभी नहीं चाहते कि इसका समाधान हो।
उन्होंने कहा कि शुरू में जब पहली बैठक हुई थी, तब उनके जो मुद्दे थे उन पर सरकार ने अमल करके उसमें संशोधन कर लिया है। उसके लिए लिखित में आश्वासन देने की बात भी हो चुकी है। कल इस मानसिकता के साथ बैठें कि कोई न कोई समाधान निकालना है।