CBI के बाद RBI: कर्मचारियों ने लिखा ‘बैंक की आज़ादी न छीने सरकार’
नई दिल्ली। सीबीआई का मामला अभी थमा भी नहीं था कि देश के सर्वोच्च बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक और सरकार के बीच उठापटक शुरू हो गयी है। रिज़र्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारीयों ने पत्र लिखकर सरकार पर बैंक के कामकाज में दखल देने का आरोप लगाया है।
वरिष्ठ अधिकारीयों ने अपने पत्र में लिखा है कि रिज़र्व बैंक के काम में लगातार हस्तक्षेप किया जा रहा है। यदि यह दखलंदाजी जारी रही तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीँ दूसरी तरफ आरबीआई बैंक के कर्मचारी यूनियन ने चिट्ठी लिखी है कि सरकार के द्वारा बैंक की स्वायत्तता को खतरा पहुंचाया जा रहा है।
यूनियन ने केंद्रीय बैंक के डिप्युटी गवर्नर विरल आचार्य द्वारा पिछले दिनों दिए गए उस बयान का भी समर्थन किया है जिसमे उन्होंने साफ शब्दों में सरकार को चेताया था कि अगर उसने संस्थान की स्वायत्तता को ठेस पहुंचाई, तो बाजार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक में पैदा हुए इस ताजा विवाद के बाद आज रिज़र्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात कर रहे हैं। गौरतलब है कि मंगलवार 30 अक्तूबर को वित्तीय स्थिरता और विकास काउंसिल की मीटिंग की अध्यक्षता वित्त मंत्री अरुण जेटली करेंगे इस बैठक में उर्जित पटेल भी शामिल होंगे।
गर्वनर और सरकार के बीच चल रही घमासान की खबर उस समय सामने आयी जब पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने रहस्योद्घाटन करते हुए सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक से आग्रह किया कि वे अपने मतभेदों को बंद दरवाजों के पीछे दूर करने की ओर कदम बढ़ाएं।
गौरतलब है कि रिज़र्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल का 3 साल का कार्यकाल सितंबर, 2019 में खत्म हो रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो उर्जित पटेल से कई बैंको के वरिष्ठ अधिकारी भी खफा है।