धार्मिक भावनायें भड़काने वाले ट्वीट पर बीजेपी के इन दो बड़े नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज
कोलकाता। बीजेपी के कद्दावर नेता और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवगीय और बीजेपी आईटी सेल के हैड अमित मालवीय के खिलाफ सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज किया गया है।
यह मामला पिछले दिनों पश्चिम बंगाल के तेलीनिपारा में हुई साम्प्रदायिक हिंसा को लेकर किये गए ट्वीट पर दर्ज हुआ है। मामला दर्ज होने के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर पश्चिम बंगाल सरकार पर झूठे मुकदमे दर्ज करने का आरोप लगाया है।
कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर कहा ‘दीदी के राज में हिन्दू भाइयों पर अत्याचार का विरोध करना अपराध है। चुंचूड़ा थाने में मेरे खिलाफ केस दर्ज कर मुझे तलब किया गया है। 74 केस लाद चुकी हैं दीदी, कुछ और सही। आप एक अर्जुन सिंह को कैद करेंगी लेकिन विचारधारा को नहीं। कहाँ हैं हथकड़ियां?’
एक अन्य ट्वीट में कैलाश विजय वर्गीय ने पश्चिम बंगाल के पुलिस कमिश्नर पर भी आरोप जड़े। उन्होंने कहा, ‘अजय ठाकुर मेरी हत्या के इरादे से गुंडे और पुलिस लेकर आये। जब मैंने एफआईआर लिखने को कहा तो उल्टे मुझ पर ही मुकदमा दर्ज किया पुलिस ने। वाह रे पुलिस-राज!’
उन्होंने एक और ट्वीट में कहा, ‘पुलिस है या सुपारी डॉन? पश्चिम बंगाल पुलिस भाजपा के एक सांसद की जान की दुश्मन बनी हुई है। करीब सालभर से कई तरह के हथकंडे अपनाकर बैरकपुर के जॉइंट सीपी अजय ठाकुर उनके पीछे पड़े हैं। यदि हमारे सांसद के साथ कुछ भी अनिष्ट होता है, तो इसके जिम्मेदार अजय ठाकुर होगें!’
क्या है मामला:
गौरतलब है कि इससे पहले तेलीनिपारा में हुई साम्प्रदायिक हिंसा को लेकर दो बीजेपी सांसदों को भी घटना में नामजद किया गया है। आरोप है कि बीजेपी सांसद लॉकेट चटर्जी और अर्जुन सिंह ने लोगों को हिंसा के लिए उकसाया। पीटीआई की खबर के मुताबिक तेलीनिपारा गांव में बीते सप्ताह एक समुदाय ने दूसरे समुदाय को तंज भरे लहजे में कोरोना कहकर संबोधित किया था। इसके बाद दोनों पक्षों में भिड़ंत हो गई थी।
खबर के मुताबिक तेलीनिपारा और इसके आस-पास के चंदननगर और श्रीरामपुर इलाकों में बम फेंके गए और दुकानों में तोड़फोड़ की गई, जिसके बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए उपद्रवियों पर लाठीचार्ज किया. घटना के संबंध में कम से कम 129 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
सांसदों के खिलाफ चांदनगर पुलिस कमिश्नरेट में मामला दर्ज किया गया है। दोनों सांसदों को एक नोटिस भी जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि इस मामले में सांसद को 22 मई को पेश होना होगा। 12 बजे उनसे हिंसा मामले में पूछताछ की जाएगी. यह नोटिस इंस्पेक्टर ऑफ पुलिस सौरव बंधोपाध्याय की ओर जारी किया गया है।