बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ बिहार में मामला दर्ज
पटना ब्यूरो। कोरोना की दवा लांच करने के बाद मुश्किल में घिरी पतंजलि के चेयरमैन आचार्य बालकृष्ण और बाबा रामदेव के खिलाफ बिहार के मुजफ्फरपुर सीजेएम (मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी) कोर्ट में मामला दर्ज किया गया है।
यह मामला मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी (सीजेएम) मुकेश कुमार की अदालत में दर्ज किया गया है और अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिए 30 जून की तारीख निर्धारित की है।
यह मामला सामाजिक कार्यकर्त्ता तमन्ना हाश्मी ने दर्ज कराया है। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि पतंजलि के चेयरमैन आचार्य बालकिशन और योग गुरु बाबा रामदेव ने कोरोना वायरस की दवा बना लेना का झूठा दावा कर आयुष मंत्रालय सहित पूरे देश को धोखा देने का काम किया है।
गौरतलब है कि मंगलवार को पतंजलि ने कोरोना के इलाज की दवा लांच की थी। इस कार्यक्रम में योग गुरु बाबा रामदेव और पतंजलि के चेयरमैन आचार्य बालकिशन मौजूद थे।
दोनों ने दावा किया कि पतंजलि की कोरोना की दवा से कोरोना के मरीज तीन से सात दिनों में पूर्णतः ठीक हो रहे हैं। दावा किया गया कि इस दवा के सभी आवश्यक टेस्ट पूरे किये गए हैं और हालांकि थोड़ी देर बाद ही पतंजलि के दावों की हवा उस समय निकल गई जब आयुष मंत्रालय के पतंजलि के दावों से पल्ला झड़ते हुए इस दवा के विज्ञापन पर रोक लगा दी।
वहीँ उत्तराखंड सरकार के आयुर्वेद विभाग ने पतंजलि को दवा बनाने के लिए लाइसेंस न होने के लिए नोटिस जारी किया है। उत्तराखंड सरकार का कहना है कि पतंजलि ने राज्य सरकार से बुखार कफ की दवाई के नाम पर लाइसेंस लिया।
वहीँ कल पतंजलि की तरफ से दवा की टेस्टिंग को लेकर राजस्थान के निम्स, जयपुर का हवाला दिया गया था लेकिन राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री कह रहे है कि रामदेव की कंपनी को कोरोना की दवाई की निम्स जयपुर में ट्रायल के लिए कोई मंज़ूरी नहीं दी गई थी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पतंजलि की कोरोना दवा का यहाँ ना टेस्ट हुआ हुआ ना लाइसेंस है ।