दुनियाभर में चर्चा का विषय बना CAA, यूरोपियन यूनियन में रखा जायेगा चर्चा का प्रस्ताव

दुनियाभर में चर्चा का विषय बना CAA, यूरोपियन यूनियन में रखा जायेगा चर्चा का प्रस्ताव

नई दिल्ली। नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर जहाँ देशभर में विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है वहीँ मलेशिया, तुर्की समेत कई देशो द्वारा नागरिकता कानून पर विरोध जताये जाने के बाद अब यूरोपियन यूनियन (EU) में नागरिकता कानून पर चर्चा का प्रस्ताव पहुंचा है। इस प्रस्ताव पर भारत ने आपत्ति जताई है।

भारत में लागू हुए नागरिकता कानून (सीएए) पर चर्चा के लिए यूरोपियन संघ (EU) की संसद में इस सप्ताह की शुरुआत में यूरोपियन यूनाइटेड लेफ्ट/नॉर्डिक ग्रीन लेफ्ट (जीयूई/एनजीएल) समूह ने प्रस्ताव पेश किया था, जिस पर बुधवार को बहस होगी और इसके एक दिन बाद मतदान होगा।

यूरोपियन यूनियन में नागरिकता कानून पर चर्चा के इस प्रस्ताव पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है और इसे पूरी तरह से आंतरिक बताया है। भारत का कहना है कि अपने देश में कोई कानून लागू करना उसका आंतरिक मामला है, ऐसे में किसी अन्य देश को इसमें हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

गौरतलब है कि दुनियाभर में चर्चा का विषय बने नागरिकता कानून और जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर पाकिस्तान, मलेशिया,तुर्की सहित कई देश विरोध जाता चुके हैं और अब यूरोपियन यूनियन संसद के 751 सांसदों में से 626 सांसद कुल 6 प्रस्ताव नागरिकता कानून और जम्मू-कश्मीर के संबंध में लेकर आए हैं।

वहीँ माना जा रहा है कि इस्लामिक देशो के प्रमुखों की आयोजित होने वाली बैठक में भी जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने और नागरिकता कानून लागू किये जाने पर चर्चा हो सकती है। यह बैठक पाकिस्तान ने बुलाई है।

नागरिकता कानून पर क्या है यूरोपियन यूनियन का प्रस्ताव:

यूरोपियन यूनियन में पेश किये गए प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘सीएए भारत में नागरिकता तय करने के तरीके में खतरनाक बदलाव करेगा। इससे नागरिकता विहीन लोगों के संबंध में बड़ा संकट विश्व में पैदा हो सकता है और यह बड़ी मानव पीड़ा का कारण बन सकता है।”

इसमें भारतीय प्राधिकारियों के अपील की गई है कि वे सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ रचनात्मक वार्ता करें और भेदभावपूर्ण सीएए को निरस्त करने की उनकी मांग पर विचार करें।

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TeamDigital