BSNL कर्मचारी यूनियन का सरकार पर JIO को संरक्षण देने का आरोप, 3 दिसंबर से करेंगे हड़ताल

BSNL कर्मचारी यूनियन का सरकार पर JIO को संरक्षण देने का आरोप, 3 दिसंबर से करेंगे हड़ताल

नई दिल्ली। बीएसएनएल के कर्मचारियों यूनियनों ने मोदी सरकार पर रिलायंस समूह की कम्पनी जिओ को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। कर्मचारी यूनियनों का कहना है कि सरकार द्वारा रिलायंस जिओ को संरक्षण देने के कारण सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कम्पनी बीएसएनएल में वित्तीय संकट के दरवाज़े पर आ खड़ी हुई है।

बीएसएनएल से जुडी कर्मचारी यूनियनों का आरोप है कि सरकार दूरसंचार से जुडी अन्य कंपनियों की तुलना में रिलायंस जिओ को अधिक संरक्षण दे रही है। सरकार के इस रवैये के विरोध में बीएसएनएल कर्मचारी यूनियनों ने 3 दिसंबर से हड़ताल पर जाने का एलान किया है।

बीएसएनएल यूनियनों ने संयुक्त बयान में कहा कि फिलहाल सूचना दूरसंचार क्षेत्र संकट में है। जिसका अहम कारण मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली कंपनी जिओ द्वारा बाज़ार बिगाड़ने वाली दरें हैं।

बीएसएनएल से जुडी कर्मचारी यूनियन ने सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने बीएसएनएल को 4जी सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम का आवंटन इसलिए नहीं किया है ताकि वह जियो के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर सके।

ऑल यूनियंस एंड एसोसिएशंस ऑफ बीएसएनएल (एयूएबी) की तरफ से एक बयान में कहा गया है कि रिलायंस जिओ द्वारा उपभोक्ताओं को तोड़ने के लिए कम दरों पर कॉलिंग और डेटा सुविधा उपलब्ध कराने के पीछे अहम कारण यह है कि जब उपभोक्ता बड़ी तादाद में जिओ से जुड़ जायेंगे तो उस समय जिओ अपनी सेवाओं के मूल्य में बेतहाशा बढ़ोत्तरी कर देगा।

बयान के मुताबिक रिलायंस जिओ के चलते कई दूरसंचार कंपनियों एयरसेल, टाटा टेलीसर्विसेज, अनिल अंबानी की रिलायंस टेलीकम्युनिकेशंस और टेलिनॉर बंद हो चुकी है।

एयूएबी ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी सरकार से 4जी स्पेक्ट्रम की मांग करती आ रही है, लेकिन सरकार इस पर ध्यान तक नहीं दे रही। एयूएबी ने आरोप लगाया कि यह सरकार की सोची समझी रणनीति है जिससे सरकारी कंपनी को रिलायंस जियो के साथ प्रतिस्पर्धा से रोका जा सके। इसलिए बीएसएनएल के सभी अधिकारी और कर्मचारी तीन दिसंबर 2018 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जायेंगे।

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