एग्जिट पोल में बीजेपी के लिए खतरे की घंटी: व्यापारी वर्ग हो रहा दूर, नहीं चला हिन्दू-मुसलमान

एग्जिट पोल में बीजेपी के लिए खतरे की घंटी: व्यापारी वर्ग हो रहा दूर, नहीं चला हिन्दू-मुसलमान

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान का काम पूरा होने के बाद शनिवार शाम को आये तमाम न्यूज़ चैनलों के एग्जिट पोल में एक बात बड़े साफ़ तौर पर सामने आयी है कि दिल्ली के मतदाताओं ने बीजेपी की हिन्दू मुस्लिम वाली राजनीति को भाव नहीं दिया है।

यही कारण है कि शाहीन बाग़ और मुसलमानो को लेकर लगातार विवादित बयान देने वाले बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा के संसदीय क्षेत्र की सभी विधानसभा सीटों पर बीजेपी की हवा टाइट है।

गौरतलब है कि चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने शाहीन बाग़ और मुसलमानो को लेकर एक दो नहीं बल्कि कई उकसाने वाले बयान दिए थे। उन्होंने यहाँ तक कह दिया था कि दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनते ही वे अपने संसदीय क्षेत्र में सरकारी ज़मीन पर बनी मस्जिदों को ध्वस्त करवा देंगे।

वहीँ दिल्ली की रिठाला विधानसभा सीट की बात करें जिसमे चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने देश के गद्दारो को गोली मारने वाले नारे लगवाए थे, तो एग्जिट पोल के मुताबिक इस सीट पर भी बीजेपी पिछड़ रही है। यानि पूरी तरह साफ़ है कि इस सीट पर भी मतदाताओं ने बीजेपी की भड़काऊ राजनीति को नकार दिया है।

व्यापारी वर्ग बना खतरे की घंटी:

कभी बीजेपी का वोट बैंक कहे जाने वाले दिल्ली के व्यापारी बाहुल्य अधिकांश सीटों पर भी एग्जिट पोल में बीजेपी को पिछड़ता बताया गया है। यदि एग्जिट पोल के नतीजे वास्तिविक नतीजों में परिवर्तित हुए तो यह बीजेपी के लिए खतरे की घंटी होगी।

एग्जिट पोल के मुताबिक दिल्ली के चांदनी चौक, बल्लीमारान, सदर बाजार जैसी व्यापारी मतदाताओं के बाहुल्य वाले इलाको में भी बीजेपी को कड़ा संघर्ष करना पड़ रहा है।

शाहीन बाग़ पर पीएम मोदी के भाषण रहे बेअसर:

दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवारों के पक्ष में पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने अपनी सभाओं में शाहीन बाग़ का मुद्दा जोर शोर से उठाया था। पीएम नरेंद्र मोदी ने शाहीन बाग़ के आंदोलन को राजनैतिक मॉडल बताया था। हालाँकि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की सभाओं में जुटी भीड़ से ही अंदाजा हो गया था कि शाहीन बाग़ मुद्दे पर पीएम मोदी और अमित शाह जो कह रहे हैं, मतदाताओं की राय उससे अलग है।

वहीँ शनिवार शाम को आये एग्जिट पोल को देखें तो पता चलता है कि दिल्ली के मतदाताओं ने शाहीन बाग़ के मुद्दे पर वोट नहीं किया है। शाहीन बाग़ आंदोलन को लेकर बीजेपी को जिस तरह के ध्रुवीकरण की उम्मीदें थीं वह पूरी तरह से फ्लॉप साबित होती दिख रही हैं। इस सबके नतीजतन लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी 7 सीटें जीतने वाली भारतीय जनता पार्टी को विधानसभा की 7 सीटें जीतने के लिए कड़ी मशक्क्त करनी पड़ेगी।

गौरतलब है कि दिल्ली में लोकसभा की सात सीटें हैं और सभी सीटों पर 2019 के चुनाव में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. सात सीटें- नई दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, चांदनी चौक, उत्तर पश्चिम दिल्ली और उत्तर पूर्वी दिल्ली शामिल हैं। सभी सात लोकसभा सीटों के अंतर्गत 10-10 विधानसभा सीटें आती है।

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TeamDigital