लाल किले पर झंडा फहराने में बीजेपी कनेक्शन सामने आया, नारे लगवा रहे दीप सिंधु का वीडियो वायरल
नई दिल्ली। आज किसान ट्रेक्टर परेड के दौरान किसानो का एक जत्था लाल किले के अंदर प्रवेश कर गया और वहां कुछ युवको ने एक धार्मिक झंडा फहराया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में लाल किले पर किसानो के जत्थे में नारे लगा रहे एक व्यक्ति की पहचान दीप सिंधु के तौर पर की गई है। इस व्यक्ति का एक फोटो भी वायरल हो रहा है। जिसमे वह पीएम नरेंद्र मोदी और गुरुदासपुर के बीजेपी सांसद सनी देओल के साथ खड़ा है।
लोकभारत इस वीडियो और तस्वीर की सत्यता की पुष्टि नहीं करता। कांग्रेस नेता तहसीन पूना वाला ने ट्विटर पर यह वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में दीप सिंधु लाल किले के समक्ष खड़े होकर नारे लगवा रहा है।
If this is Deep Sidhu in the video, then it is obvious, the govt planted him to lay siege to the Red Fort & give the #FarmersProstests a bad name. It was not #Farmers but those close to the govt that fermented trouble & put up the Nishan Sahib on the pole meant for the Tiranga. https://t.co/RrZWbQZ8kT pic.twitter.com/KlNdr87voA
— Tehseen Poonawalla Official 🇮🇳 (@tehseenp) January 26, 2021
गौरतलब है कि किसान परेड के दौरान हिंसा की घटनाओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि जो अशांति पैदा कर रहे हैं उनकी पहचान की जा चुकी है। ये राजनीतिक दलों के लोग हैं जो आंदोलन को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। राजनीतिक पार्टियां आंदोलन खराब करना चाहती हैं। हम लोग रिंग रोड पर नहीं जाएंगे। हम शांति से मार्च निकाल रहे हैं। किसान तय रूट पर ही रैलियां निकालेंगे।’
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज की घटनाओं को लेकर ट्वीट कर कहा कि हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है। चोट किसी को भी लगे, नुक़सान हमारे देश का ही होगा। देशहित के लिए कृषि-विरोधी क़ानून वापस लो!
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार में आज किसान परेड के दौरान हुई घटनाओं के लिए केंद्र सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया है। पवार ने कहा कि आज जो कुछ भी हुआ उसका कोई भी समर्थन नहीं करेगा लेकिन इसके पीछे के कारण को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। जो लोग शांति से बैठे हुए थे, वे केंद्र सरकार द्वारा अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं करने से नाराज़ थे। सरकार को परिपक्व होकर सही निर्णय लेना चाहिए।
पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों ने अनुशासित तरीके से विरोध किया, लेकिन सरकार ने उन्हें गंभीरता से नहीं लिया। संयम समाप्त होते ही, ट्रैक्टर मार्च निकाला गया। केंद्र सरकार की जिम्मेदारी कानून और व्यवस्था को नियंत्रण में रखने की थी लेकिन वह इसमें विफल रही है।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने कहा कि कुछ तत्वों द्वारा की गई हिंसा अस्वीकार्य है। यह शांतिपूर्ण ढंग से विरोध कर रहे किसानों द्वारा उत्पन्न सद्भावना को नकार देगा। किसान नेताओं ने खुद को अलग कर लिया और ट्रेक्टर रैली को स्थगित कर दिया। मैं सभी वास्तविक किसानों से दिल्ली खाली करने और सीमाओं पर लौटने का आग्रह करता हूं।