पतंजलि को झटका: आयुष मंत्रालय ने पतंजलि की कोरोना की दवा के विज्ञापन पर रोक लगाई
नई दिल्ली। बाबा रामदेव से जुडी कंपनी पतंजलि द्वारा आज लांच की गई कोरोना के इलाज की दवा के विज्ञापन पर आयुष मंत्रालय ने रोक लगा दी है। दवा को लेकर किये गए दावे की जांच न होने तक पतंजलि से विज्ञापन न करने के लिए कहा गया है।
आयुष मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) का कहना है कंपनी ने अभी तक उनके दो चरण के क्लिनिकल परीक्षण का कोई विवरण नहीं दिया है। पतंजलि द्वारा कोरोना की दवा को लेकर की गई टेस्टिंग के दावे पर आयुष मंत्रालय और चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइएमसीआर)का कहना है कि इसमें वे शामिल नहीं हैं।
आयुष मंत्रालय ने कहा कि पतंजलि की कथित दवा, औषधि एवं चमत्कारिक उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) कानून, 1954 के तहत विनियमित है। पतंजलि से कहा गया है कि वह नमूने का आकार, स्थान, अस्पताल जहां अध्ययन किया गया और आचार समिति की मंजूरी के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराए।
आयुष मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि मंत्रालय ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा COVID19 के उपचार के लिए विकसित आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में मीडिया में आई खबरों का संज्ञान लिया है। कंपनी ने इस दावे की विधिवत जाँच होने तक इस तरह के दावों को रोकने और विज्ञापन को रोकने / प्रचार करने के लिए कहा गया है।
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि कंपनी द्वारा कोरोना के इलाज के लिए बनाई गई दवा से जुडी साड़ी जानकारियां तलब की गई हैं। मंत्रालय ने पतंजलि से उन अस्पतालों और जगहों की जानकारी भी मांगी है जहाँ कोरोना के इलाज को लेकर रिसर्च किया गया।
इसके अलावा आयुष मंत्रालय ने पतंजलि से वे सभी दस्तावेज भी तलब किये हैं जिन्हे लेकर पतंजलि ने दावा किया है कि दवा निर्माण के लिए एथिकल अप्रूवल लिया, फिर सीटीआईआर का अप्रूवल और रजिस्ट्रेशन कराया गया।
मंत्रालय ने क़हा कि इस दवा को लेकर पतंजलि द्वारा किये दावों की पूरी जांच होने तक वह इसका विज्ञापन नहीं करे। इतना ही नहीं आयुष मंत्रालय ने उत्तराखंड सरकार से लाइसेंस की प्रति और प्रोडक्ट एप्रूवल के दस्तावेज भी मांगे हैं।
गौरतलब है कि योग गुरु बाबा रामदेव से जुड़े प्रतिष्ठान पतंजलि ने आज कोरोना की दवा कोरोनिल लांच की है। इस दवा को लेकर दावा किया गया है कि इस दवा से 3 दिन के अंदर कोरोना के 69 फीसदी रोगी रिकवर हो गए और सात दिन के अंदर 100 फीसदी रोगी रिकवर हो गए।
बाबा रामदेव ने दावा किया कि ‘ इस दवा को हमने दिल्ली से लेकर कई शहरों में क्लिनिकल कंट्रोल स्टडी किया है, इसके तहत हमने 280 रोगियों को सम्मिलित किया गया। हमारी दवाई का सौ फीसदी रिकवरी रेट है और शून्य फीसदी डेथ रेट है।’