अब मुंबई में दर्ज नए मामले पर सुप्रीमकोर्ट से गुहार लगा रहा अर्नब गोस्वामी

अब मुंबई में दर्ज नए मामले पर सुप्रीमकोर्ट से गुहार लगा रहा अर्नब गोस्वामी

नई दिल्ली। मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर प्रवासी मजदूरों की भीड़ जुटने की खबर को धार्मिक एंगिल देने वाले रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब ने एक बार फिर सुप्रीमकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

अर्नब गोस्वामी के खिलाफ हाल ही में मुंबई पुलिस ने सांप्रदायिक उन्माद भड़काने सहित कई संगीन धाराओं में मामला दर्ज किया है। यह मामला पिछले दिनों मुंबई के बांद्रा स्टेशन के बाहर जुटी प्रवासी मजदूरों की भीड़ को लेकर रिपब्लिक टीवी पर गलत खबर दिखाए जाने के लिए दर्ज हुआ है।

आरोप है कि बांद्रा स्टेशन के बाद प्रवासी मजदूरों की भीड़ की खबर दिखाते समय अर्नब गोस्वामी ने बार बार दोहराया कि आख़िर लोग मस्जिदों के पास ही क्यों इकट्ठा होते हैं। शनिवार को मुंबई में दर्ज हुए अर्नब के खिलाफ इस नए मामले में मुंबई पुलिस ने आईपीसी की धराओं 153, 153A, 295A, 500, 505 (2), 511, 120 (B), 505 (1) के तहत मामला दर्ज किया हैं।

अपनी गिरफ्तारी के डर से अर्नब गोस्वामी ने एक बार फिर सुप्रीमकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अर्णब गोस्वामी ने अपनी नयी याचिका में शीर्ष अदालत से अनुरोध किया है कि दो मई को दर्ज प्राथमिकी के संबंध में आगे किसी भी तरह की जांच से प्राधिकारियों को रोका जाए।

अर्णब के रवैये के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की याचिका के एक दिन बाद अर्नब गोस्वामी ने शीर्ष अदालत में यह याचिका दायर की है। अर्णब पर महाराष्ट्र सरकार का आरोप है कि वह पुलिस के मन में भय पैदा कर रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार ने अपने इस आवेदन में अर्णब गोस्वामी को अपने अंतरिम संरक्षण का दुरुपयोग नहीं करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया है।

इस आवेदन में पुलिस द्वारा अभी तक इन प्राथमिकी के सिलसिले में की गयी जांच का सिलसिलेवार विवरण देने के साथ ही इस मीडिया हाउस के हिन्दी चैनल के समाचार कार्यक्रम का भी हवाला दिया है। पुलिस ने कहा है कि रिपब्लिक भारत चैनल पर उनकी बहस के बयान जांच अधिकारी को धमकाने और आतंकित करने वाले हैं।

गौरतलब है कि अर्नब गोस्वामी के खिलाफ नागपुर पुलिस पहले ही कई संगीन धाराओं में मामला दर्ज कर चुकी है। वहीँ कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लेकर लाइव डिबेट में अपमानजनक टिप्पणी किये जाने के बाद देशभर में अर्नब गोस्वामी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थीं।

इससे पहले अर्नब गोस्वामी द्वारा सुप्रीमकोर्ट में दायर की गई याचिका पर 24 अप्रैल को शीर्ष अदालत ने अर्णब गोस्वामी की याचिका पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई कर अपने अंतरिम आदेश में रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक को उनके खिलाफ विभिन्न राज्यों में दर्ज प्राथमिकी और शिकायतों के संबंध में तीन सप्ताह के लिए गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया था। ये प्राथमिकी और शिकायतें पालघर घटना के संबंध में कथित मानहानिकारक बयानों को लेकर दायर हुई हैं।

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TeamDigital