आज फिर होगी किसानो और सरकार के बीच वार्ता, अपनी मांगो पर सरकार से समझौता नहीं करेंगे किसान
नई दिल्ली। कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी गारंटी के लिए कानून बनाये जाने की मांग को लेकर पिछले 38 दिनों से आंदोलन कर रहे किसानो के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच आज एक बार फिर वार्ता होगी।
पिछली बातचीत में किसानो और सरकार के बीच दो मांगो पर सहमति बनी थी लेकिन किसानो की दो अहम मांगो कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी गारंटी के लिए कानून लाने पर बातचीत आगे नहीं बढ़ पाई थी।
आंदोलनकारी किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच अब तक सात बार बातचीत हो चुकी है और किसानो के आंदोलन को एक महीने से अधिक का समय हो चुका है। ऐसे में आज होने वाली किसानो और सरकार की बैठक को अहम माना जा रहा है।
आज होने वाली बैठक को लेकर रविवार को ही किसान नेताओं ने अपने इरादे जता दिए थे। किसान नेताओं का कहना है कि वे कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की गारंटी के लिए कानून बनाने की अपनी मांग से एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि “कल का एजेंडा रहेगा स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट, तीन कृषि क़ानूनों की वापसी और MSP पर क़ानून बने। हम वापस नहीं जाएंगे। अब तक 60 किसान शहीद हो चुके हैं। सरकार को जवाब देना होगा।”
भारतीय किसान यूनियन कादियां के प्रधान हरमीत सिंह ने कहा कि 13 जनवरी को हम कृषि क़ानूनों की कॉपियां जलाकर लोहड़ी के त्योहार को मनाएंगे। 6 जनवरी से 20जनवरी के बीच देशभर में किसानों के पक्ष में धरना-प्रदर्शन, मार्च आदि आयोजित किए जाएंगे। 23 जनवरी को आज़ाद हिन्द किसान दिवस मनाया जाएगा।
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने आज होने वाली बैठक को लेकर रविवार को कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि किसानों के साथ कल होने वाली बैठक में समझौता होगा और किसानों की समस्या का हल निकलेगा। हमें आशा है कि बातचीत होगी और आंदोलन का समापन होगा।
इस बीच सभी की निगाहें आज होने वाली बैठक पर लगी हैं। कड़ाके की सर्दी और बारिश के बावजूद किसान अपनी जगह छोड़ने को तैयार नहीं है। अपनी मांगो को लेकर किसान संगठन पहले ही सरकार को अल्टीमेंटम दे चुके हैं कि वे मांगे पूरी होने तक अपना आंदोलन जारी रखेंगे।