किसानो के भारत बंद को ट्रांसपोर्ट यूनियन का समर्थन, कल ट्रको का रहेगा चक्का जाम

किसानो के भारत बंद को ट्रांसपोर्ट यूनियन का समर्थन, कल ट्रको का रहेगा चक्का जाम

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में किसानो द्वारा 8 दिसंबर को आयोजित भारत बंद को कई राजनैतिक और सामजिक संगठनों के साथ साथ अब आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने समर्थन किया है।

पंजाब ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रधान चरणजीत सिंह लोहारा ने कहा कि ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने किसानों के समर्थन में 8 दिसंबर को चक्का जाम करने का फैसला किया है। परिवहन संघ, ट्रक यूनियन, टेंपो यूनियन सभी ने बंद को सफल बनाने का फैसला किया है। यह बंद पूरे भारत में होगा।

आज़ादपुर मंडी सहित अन्य मंडियों के व्यापारियों ने किया भारत बंद के समर्थन का एलान:

किसानो के भारत बंद का दिल्ली की आज़ादपुर मंडी तथा आसपास की मंडियों के के व्यापारियों ने समर्थन का एलान किया है। आज़ादपुर मंडी के अध्यक्ष आदिल अहमद खान ने बताया कि “आजादपुर मंडी समेत दिल्ली की दूसरी मंडियों के व्यापारियों ने भारत बंद का समर्थन करते हुए मंडी में व्यापार न करने का निर्णय लिया है। मंडी के सभी संगठनों ने निर्णय लिया है कि किसानों के समर्थन के लिए मंडी में अपना व्यापार बंद रखेंगे।”

सिंघु बॉर्डर पर किसान नेता डॉ. दर्शन पाल ने कहा कि भारत बंद हमारा शांतिपूर्ण आह्वान है, सबसे अपील है कि इसे ज़ोर-ज़बरदस्ती से न करें। राजनीतिक दलों ने जो हमारा समर्थन किया है उसके लिए उनका धन्यवाद, उनसे अपील है कि जब किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए आएं तो अपना झंडा घर छोड़कर आएं।

भारत बंद को लेकर सिंघु बॉर्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत ने मीडिया से कहा कि जैसा पब्लिक सपोर्ट मिल रहा है चार घंटों के संपूर्ण बंद में सफलता की उम्मीद है। आम जनता ड्यूटी के लिए 10 बजे से पहले ऑफिस जा सकती है। जो जहां संभव हो वहां बंद करे, लोग अपना गांव अपनी सड़क के तहत NH पर बैठें। दुकानदार लंच के बाद दुकानें खोलें।

खटटर ने साधा विपक्ष पर निशाना:

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसान आंदोलन के लिए विपक्ष पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि इस देश का इतिहास रहा है कि जब भी भाजपा कोई अच्छा काम करने के लिए आगे बढ़ी है, तब इन दलों ने इसी तरह का व्यवहार दिखाया है, चाहे वो CAA हो या 370। इन सब दलों को यही लगता है कि कोई प्रभावी नेतृत्व अगर इस देश में आया तो इन सबकी दूकानें बंद होंगी इसलिए ये इकट्ठा हो जाते।

शरद पवार के 2010 में लिखे पत्र पर खटटर ने कहा कि उन्होंने तब राज्यों को पत्र लिखकर चेतावनी भी दी थी कि जो इन्हें लागू नहीं करेगा उनकी आर्थिक सहायता बंद कर दी जाएगी। अब अचानक सारी पार्टियां इन कानूनों से सहमत नहीं है। ये विपक्षी दल का घटिया काम और दोगलापन है इसकी निंदा की जानी चाहिए।

एनसीपी ने किया पलटवार:

2010 में शरद पवार द्वारा राज्य सरकारों को लिखे गए पत्र पर एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि पवार साहब ने APMC में सुधार को लेकर लोगों से सुझाव मांगे थे। उसमें राज्यों को अधिकार था की ज्यों का त्यों मानें या बदलाव करें। जबकि मोदी सरकार ने APMC कानून को राज्यों और लोगों पर लादने का काम किया है।

वहीँ दूसरी तरफ आज दिल्ली से सटी उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर किसानो का विरोध प्रदर्शन जारी रहा। सिंघु बॉर्डर पर आज 12वे दिन भी अन्य राज्यों से किसानो का आना जारी रहा।

कल किसानो के भारत बंद को देखते हुए दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के कई इलाको में सुरक्षा के ख़ास बंदोबस्त किये हैं। वहीँ भारत बंद को सफल बनाने के लिए किसान नेताओं की बैठकें आज भी जारी रहीं।

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