किसानो की दो टूंक: जारी रहेगा आंदोलन, 26 जनवरी को निकालेंगे ट्रेक्टर परेड

किसानो की दो टूंक: जारी रहेगा आंदोलन, 26 जनवरी को निकालेंगे ट्रेक्टर परेड

नई दिल्ली। किसान आंदोलन और कृषि कानूनों को लेकर आज सुप्रीमकोर्ट द्वारा कृषि कानूनों की समीक्षा के लिए चार सदस्यीय कमेटी बनाये जाने के आदेश के बाद किसानो ने साफ़ कर दिया है कि किसान आंदोलन जारी रहेगा। इतना ही नहीं 26 जनवरी को किसान रैली निकालने की अपनी घोषणा पर भी अड़े हुए हैं।

सिंघु बॉर्डर पर मीडिया से बात करते हुए किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि सरकार अपने ऊपर से दबाव कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के जरिए कमेटी ले आई, इसका हमने कल ही विरोध कल दिया था। हम प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कमेटी को नहीं मानते हैं, कमेटी के सारे सदस्य कानूनों को सही ठहराते रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हमारा 26 जनवरी का प्रोग्राम पूरी तरह शांतिपूर्ण होगा, जिस तरह से भ्रम फैलाया जा रहा है जैसे किसी दुश्मन देश पर हमला करना हो, ऐसी गैर ज़िम्मेदार बातें संयुक्त किसान मोर्चा की नहीं हैं। 26 जनवरी के प्रोग्राम की रूपरेखा हम 15 जनवरी के बाद तय करेंगे।

किसान नेता दर्शनपाल ने कहा कि कल हम लोहड़ी मना रहे हैं जिसमें हम तीन कृषि क़ानूनों को जलाएंगे, 18 जनवरी को महिला दिवस है और 20 जनवरी को गुरु गोविंद सिंह जी का प्रकाश उत्सव है।

किसानो ने सुप्रीमकोर्ट द्वारा गठित कमेटी के सदस्यों पर उठाये सवाल:

वहीँ कृषि कानूनों की समीक्षा के लिए सुप्रीमकोर्ट द्वारा बनाई गई समिति में शामिल सदस्यों को लेकर कांग्रेस ने सवाल खड़े किये हैं। कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आज किसानों से बातचीत के लिए 4 सदस्यों की कमेटी बनाई है। कमेटी में शामिल 4 लोगों ने सार्वजनिक तौर पर पहले से ही निर्णय कर रखा है कि ये काले क़ानून सही हैं और कह दिया है कि किसान भटके हुए हैं। ऐसी कमेटी किसानों के साथ न्याय कैसे करेगी?

सुरजेवाला ने कहा कि ये 3 काले क़ानून देश की खाद्य सुरक्षा पर हमला हैं, जिसके 3 स्तंभ हैं- सरकारी खरीद, MSP, राशन प्रणाली जिससे 86 करोड़ लोगों को 2 रुपये किलो अनाज मिलता है। इसलिए कांग्रेस 3 कृषि क़ानूनों का विरोध तब तक करती रहेगी जब तक मोदी सरकार इन्हें खत्म नहीं कर देती।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital