गृह राज्यमंत्री का बयान: एनआरसी पर अभी फैसला नहीं, असम के डिटेंशन सेंटर में 802 लोग

गृह राज्यमंत्री का बयान: एनआरसी पर अभी फैसला नहीं, असम के डिटेंशन सेंटर में 802 लोग

नई दिल्ली। एनआरसी को लेकर बुधवार को सरकार ने राज्यसभा में बड़ा बयान दिया है। एक सवाल के जबाव में सरकार द्वारा दिए गए लिखित उत्तर में कहा गया है कि अभी देशभर में एनआरसी लागू किये जाने पर कोई फैसला नहीं लिया गया है।

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने असम के डिटेंशन सेंटर को लेकर बताया कि असम के डिटेंशन सेंटर में 802 लोग बंद हैं। यह आंकड़ा 6 मार्च, 2020 तक का है।

एक अन्य सवाल के जवाब में नित्यानंद राय ने बताया है कि बीते पांच साल में सरकार ने 14864 बांग्लादेशी लोगों को नागरिकता दी है। राज्यसभा में लिखित जवाब में उन्होंने बताया है कि 2015 में भारत-बांग्लादेश के बीच हुए सीमा समझौते के बाद 14864 बांग्लादेशी लोगों को नागरिकता दी गई है।

गौरतलब है कि एनआरसी को लेकर सरकार की तरफ से अलग अलग बयान आने के बाद शंकाओं का माहौल बना है। गृहमंत्री अमित शाह ने न सिर्फ कई कार्यक्रमों में सार्वजनिक तौर पर देशभर में एनआरसी लागू किये जाने की बात कही थी, वहीँ संसद में नागरिकता कानून संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान भी शाह ने सरकार द्वारा एनआरसी लाने के प्रति वचनवद्धता ज़ाहिर की थी।

वहीँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए एनआरसी से पल्ला झाड़ लिया था। पीएम मोदी ने कहा कि अभी एनआरसी को लेकर सरकार में कहीं कोई चर्चा ही नहीं हुई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में यह भी कहा था कि असम में कोई डिंटेशन सेंटर नहीं है, हालांकि बाद में सरकार ने जानकारी दी थी कि असम में डिटेंशन सेंटर हैं। एनआरसी को लेकर सरकार की तरफ से आये विरोधावासी बयान के चलते लोगों के बीच संख्याएँ पैदा होने लगीं हैं।

गौरतलब है कि असम में एनआरसी की अंतिम सूची में करीब 19 लाख लोगों को शामिल नहीं किया गया है। एनआरसी से बाहर रखे गए लोगों के सामने खुद को भारत का नागरिक साबित करना बड़ी चुनौती है।

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TeamDigital