कांग्रेस, टीएमसी, आप सहित 8 सांसद मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित
नई दिल्ली। कल राज्य सभा में किसान विधेयकों पर चर्चा के दौरान हुए शोर शराबे, नारेबाजी और उपसभापति के सामने रूल बुक फाड़े जाने को लेकर आठ राज्य सभा सांसदों को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है।
जिन सांसदों पर निलंबन की कार्यवाही की गई है उनमे कांग्रेस के सांसद राजीव सातव, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, कांग्रेस के राजीव सातव, रिपुन बोरा और सैयद नजीर हुसैन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (एम) के एलमरन करीम और केके रागेश शामिल हैं।
दरअसल कल राज्य सभा में कृषि संशोधन विधायकों को लेकर विपक्ष की मत विभाजन की मांग को अनदेखा करते हुए किसान बिल को ध्वनि मत से पास किया गया। इससे बिफरे विपक्ष के सदस्यों ने राज्य सभा में जमकर हंगामा और नारेबाजी की।
आरोप है कि इस हंगामे और नारेबाजी के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने राज्य सभा की रूल बुक को फाड़ा। इतना ही नहीं विपक्षी सदस्यों ने माइक तोड़ दिया और हवा में पेपर उछाले।
राज्य सभा के सभापति वेंकैया नायडू ने विपक्ष के हंगामे को लेकर कहा कि मैं डेरेक ओ ब्रायन को सदन से बाहर जाने का आदेश देता हूं। साथ ही सदन के आठ सांसदों को एक सप्ताह के लिए निलंबित किया जाता है। उन्होंने कहा, विपक्ष के जिन आठ सांसदों को निलंबित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि रविवार को राज्य सभा में जो कुछ हुआ यह दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। मैं सांसदों को सुझाव देता हूं, कृपया कुछ आत्मनिरीक्षण करें। इन सांसदों को उपसभापति के साथ दुर्व्यवहार करने की वजह से एक सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया गया है।
देश के लोकतंत्र में काला दिन:
रविवार को किसान अध्यादेशों को बिना बहस ध्वनि मत से पास किये जाने को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि देशभर के किसान जहां विरोध कर रहे हैं, ऐसे विषय पर यदि लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा न हो तो यह बेहद दुर्भाग्यजनक है। राज्यसभा में कल जो घटना घटी, उसमें मतदान होना ही चाहिए था, जिस प्रकार की प्रक्रिया को अपनाया गया, उसे काले दिन के रूप में याद किया जाएगा।